प्रधानमंत्री बनने के बाद 15 अगस्त 2014 को नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से पहली बार संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में कई बातें कही थीं, लेकिन देश की युवा शक्ति को अपना मुख्य मुद्दा बनाया था। उन्होंने कहा था कि आज की तारीख में 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। हमारा देश में दुनिया में सबसे नौजवान देश है। इसका फायदा उठाने के लिए हमें स्किल्ड वर्कफोर्स की आवश्यकता है।

हमारे देश के नौजवान बेरोजगार हैं, उन्हें काम नहीं मिलता है। इसलिए उन्हें काबिल बनाने के लिए स्किल डेवलपमेंट की आवश्यकता है। स्किल्ड इंडिया और स्किल डेवलपमेंट हमारा मिशन है। आधुनिक भारत बनाने के लिए घिसी-पिटी व्यवस्थाएं नहीं, हुनरमंद नौजवान चाहिए। उन्होंने कहा था कि मैं ऐसे नौजवान तैयार करना चाहता हूं जो जॉब क्रिएटर हों। स्किल डेवलपमेंट को तेजी से आगे बढ़ाने को लेकर मैं कृत संकल्प हूं।

विश्व बदल चुका है और बदल रहा है, ऐसे में एक कोने में बैठकर कोई भी अपना भविष्य निर्धारित नहीं कर सकता है। विश्व की आर्थिक व्यवस्थाएं जिस तरीके से बदली हैं, उसी के अनुरूप हमें भी सोचना होगा। हमें नौजवानों को अधिक से अधिक रोजगार देने देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देना होगा, ताकि आयात-निर्यात की स्थिति बदली जा सके। देश के युवाओं के पास जो सामर्थ्य है, उसे काम में लाना है तो हमें अपनी पूरी ताकत लगानी होगी।

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