इंडियन एयरफोर्स में हल्के लड़ाकू विमानों की कमी से देश की सुरक्षा को खतरा: पीएसी रिपोर्ट
आपको जानकारी के लिए बता दें कि वायु सेना में हल्के लड़ाकू विमानों की भारी कमी है। इस बात का खुलासा अभी पिछले महीने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई वाली संसद की लोक लेखा समिति ने किया था। संसद की लोक लेखा समिति यानि पीएसी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारतीय वायुसेना में हल्के लड़ाकू विमानों की कमी से देश की सुरक्षा को बड़ा खतरा हो सकता है। संसद की लोक लेखा समिति ने इस दिशा में तत्काल जरूरी कदम उठाने का परामर्श दिया है।
बता दें कि संसद की लोक लेखा समिति यानि पीएसी में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 22 सदस्य शामिल हैं। ये सभी संसद सदस्य बीजेपी, कांग्रेस के आलावा टीएमसी, शिरोमणि अकाली दल, बीजू जनता दल, शिव सेना के हैं।
पीएसी की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि देश की वायुसेना दीर्घकालिक नहीं बल्कि अल्पकालीन उपायों पर निर्भर है, ऐसी स्थिति देशहित में ठीक नहीं है। इसलिए इस समस्या का समाधान अतिशीघ्र निकाला जाना चाहिए।
पीएसी रिपोर्ट के अनुसार, तीन दशक से ज्यादा समय बीत चुका है, बावजूद इसके ऐरोनॉटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी हल्के स्वदेशी लड़ाकू विमानों का निर्माण नहीं कर पाई है। इस मुद्दे पर पीएसी ने घोर निराशा व्यक्त की। पीएसी रिपोर्ट में हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड की नाकामी पर चिंता व्यक्त करते हुए यह बात कही गई है कि वायुसेना के पास पर्याप्त संख्या में हल्के लड़ाकू विमान तेजस की कमी है।
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2018 तक भारतीय वायुसेना को 200 तेजस फाइटर जेट्स और 20 ट्रेनर एयरक्राफ्ट की जरूरत थी, लेकिन अभी तक सिर्फ 9 तेजस ही मिल पाए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सुपरसोनिक फाइटर जेट विकसित करने तथा इन्हें वायुसेना में शामिल करने में बहुत देरी हो रही है।