पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत को बड़े देशों का समर्थन मिल रहा है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान को पूरी दुनिया में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। पुलवामा हमले के 5 दिन बाद डोनाल्ड ट्रंप ने पुलवामा हमले को भयावह बताया है। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान को आतंकियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

मंगलवार को मीडिया से रूबरू होते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि पुलवामा हमले की रिपोर्ट्स मुझे लगातार मिल रही है। सही समय पर कमेंट करेंगे। अच्छा होगा, दोनों देश साथ आते हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय का बयान

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद वह भारत के साथ खड़ा है। पाकिस्तान को दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। विदेश विभाग के डिप्टी प्रवक्ता रॉबर्ट पॉलडिनो के मुताबिक, अमेरिका भारत के संपर्क में है, हम न केवल इस हमले की निंदा करते हैं, बल्कि भारत के साथ भी खड़े हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस हमले की जांच कराने में मदद करानी चाहिए और कोई दोषी निकलता है तो उसे सजा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम लगातार पाकिस्तान के संपर्क में भी हैं।

इस बयान के पहले भी अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने पुलवामा हमले की निंदा की थी। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बॉल्टन ने इस मुद्दे पर अजित डोभाल से बातचीत की थी और कहा था कि भारत को इस मामले में एक्शन लेने का पूरा अधिकार है।

गौरतलब है कि भारत की मांग है कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर कार्रवाई करे अन्यथा उसे भारत को सौंप दे। पुलवामा हमले के मास्टरमाइंट राशिद गाजी, कामरान और हिलाल को सुरक्षाबलों ने इस बड़ी घटना के 100 घंटे के भीतर ही मार गिराया था।

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