जानिए कैसे रहते है सियाचिन में भारतीय सैनिक
इंटरनेट डेस्क। दोस्तों आपको बता दे की ज़मीन ऐसी बंजर और दर्रे इतने ऊँचे कि सिर्फ़ पक्के दोस्त और कट्टर दुश्मन ही वहाँ तक पहुँच सकते हैं. ये है सियाचिन, दुनिया का सबसे ऊँचा रणक्षेत्र। वहाँ जाना भारतीय सेना के साथ ही संभव है आपको बता दे की सियाचिन में ठंड में तापमान शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस तक नीचे पहुँच जाता है।
दोस्तों आपको बता दे की दुनिया के सबसे बड़े युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर भारत का नियंत्रण है। यह स्थान समुद्र तल से पांच हजार मीटर की ऊंचाई पर है। यहां पर भारत-पाकिस्तान के बीच साल 1984 से वर्चस्व की जंग चल रही है। यहां अमेरिका, ब्रिटेन और रूस की विशेष ऑपरेशन टीमें प्रशिक्षण लेने आती हैं।
दोस्तों आपको बता दे की बेस कैंप से भारत की जो चौकी सबसे दूर है उसका नाम इंद्रा कॉल है और सैनिकों को वहाँ तक पैदल जाने में लगभग 20 से 22 दिन का समय लग जाता है। चौकियों पर जाने वाले सैनिक एक के पीछे एक लाइन में चलते हैं और एक रस्सी सबकी क़मर में बँधी होती है। ताकि कोई साथी बर्फ़ कहाँ धँस जाए इसका पता नहीं रहता और अगर कोई एक व्यक्ति खाई में गिरने लगे तो बाकी लोग उसे बचा सकें।
दोस्तों आपको बता दे की सैनिक लकड़ी की चौकियों पर स्लीपिंग बैग में सोते हैं, लेकिन दोस्तों भारतीय सैनिको सोते समय इस बात का भी डर रहता है क्योंकि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कभी-कभी सैनिकों की सोते समय ही जान चली जाती है।