नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन है. ऐसे में आज दिन भर हलचल रहेगी और यह साफ हो जाएगा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कितने लोग मुकाबला करने वाले हैं और इसके दावेदार कौन हैं. इस बीच कुछ बड़े उलटफेर हुए हैं, जिसमें गांधी परिवार के वफादार नेताओं में से एक अशोक गहलोत अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर हो गए हैं, जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे अभी भी दौड़ में सबसे आगे हैं.

वहीं दिग्विजय सिंह भी पहले कांग्रेस अध्यक्ष पद पर दावेदारी करने की बात कर रहे थे, लेकिन दोपहर तक उन्होंने घोषणा कर दी कि वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. शायद दिग्विजय सिंह को कांग्रेस के आलाकमान यानी गांधी परिवार से निर्देश मिले थे. बहरहाल, जो भी हो, दिग्गी राजा को हटाने से मल्लिकार्जुन खड़गे का रास्ता जरूर साफ हो गया है। दिग्विजय सिंह ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और कहा, "मैंने जीवन भर कांग्रेस के लिए काम किया है और आगे भी करता रहूंगा। मेरी प्रतिबद्धता नेहरू-गांधी परिवार के साथ है।"


बता दें कि दिग्विजय सिंह के चुनाव लड़ने से खड़गे के वोट कट सकते थे और इसका फायदा शशि थरूर को मिल सकता था. लेकिन राजनीतिक पंडितों का कहना है कि गांधी परिवार नहीं चाहेगा कि थरूर सत्ता संभाले, क्योंकि थरूर कांग्रेस के बागी गुट जी-23 के सदस्य हैं, जो पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग करता रहा है. ऐसे में गांधी परिवार एक ऐसे नेता के हाथ में कमान देना चाहेगा जिसे पर्दे के पीछे से निर्देश दिया जा सके और काम कराया जा सके, ऐसे में खड़गे सही विकल्प हो सकते हैं.

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