पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के विरुद्ध क्या मोदी सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है?
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में 14 फरवरी को 46 जवान शहीद हुए थे। इसी बीच 18 फरवरी को आतंकियों संग एनकाउंटर में एक बार फिर से 5 जवान शहीद हो गए। पुलवामा हमले के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल है। पुलवामा हमले के 5 दिन बीत जाने के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि पाकिस्तान को लेकर मोदी सरकार को जो सख्त कदम उठाने चाहिए थे, ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश सचिव रह चुके कंवल सिब्बल का मानना है कि भारत के पास बहुत ज्यादा विकल्प नहीं हैं। लेकिन कुछ ऐसी रणनीति है, जिसकी बदौलत पाकिस्तान को झुकाया जा सकता है। यह रणनीति भारत के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकती है।कंवल सिब्बल कहते हैं कि भारत के पास एक मजबूत विकल्प है, वो हैं सिंधु जल संधि को तोड़ना। लेकिन तत्कालीन सरकार सिंधु जल संधि क्यों नहीं तोड़ रही है। यह बात समझ के परे है। भारत सरकार को पाकिस्तान के साथ इस संधि को तत्काल निलंबित करना चाहिए। इस सिंधु जल संधि के तोड़ते ही पाकिस्तान की अकड़ ढीली हो जाएगी।
कंवल सिब्ब्ल के मुताबिक, ट्रंप ने सत्ता में आने के बाद कई संधियां तोड़ी हैं। यहां तक कि अमेरिका ने जापान और कनाडा के साथ भी ऐसा किया है। सिब्बल का कहना है कि यह बात समझ में नहीं आ रही है कि आखिर भारत सिंधु जल संधि क्यों जारी रखे हुए है।
कंवल सिब्बल कहते हैं कि अगर मोदी सरकार इस जल संधि को तोड़ दे तो पाकिस्तान को कड़ा सबक मिल जाएगा। जबकि इस जल संधि के तोड़ने से भारत पर कोई असर नहीं होगा। कंवल सिब्बल का कहना है कि अब वो वक्त आ गया है, जब भारत को ठोस कदम उठाने चाहिए। अब कश्मीर में कुछ सफ़ाया करना होगा। भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी विवेक काटजू का मानना है कि भारत को अब हर विकल्पों पर विचार करना चाहिए।