देहरादून: उत्तराखंड के बरसाती चमोली जिले में रविवार सुबह ग्लेशियर फटने से तबाही हुई। यह पता चला है कि ग्लेशियर के फटने से धौली नदी बह गई है। इससे चमोली से लेकर हरिद्वार तक संकट बढ़ गया है। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई। वहीं, चमोली जिले के नदी तटों पर पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है। कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी के किनारे बसे लोग घर खाली करने लगे। ऋषि गंगा और तपोवन हाइड्रो परियोजना पूरी तरह से नष्ट हो गई है।

उत्तराखंड की स्थिति पर राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की बैठक होगी। अब से कुछ समय में होने वाली इस बैठक में गृह सचिव के साथ-साथ केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी भी शामिल होंगे। इस बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे। उत्तराखंड में राहत और बचाव कार्यों की निगरानी के लिए एक उच्च-स्तरीय टीम बनाई गई है, जो स्थिति की निगरानी कर रही है।



गृह मंत्री अमित शाह ने संयुक्त अभियान के लिए एनडीआरएफ, वायु सेना और संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा है। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता जीवन और संपत्ति की सुरक्षा है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड में हुई दुर्घटना में लापता लोगों की संख्या 100 तक हो सकती है, जिसमें 60 कर्मचारी हैं जो वहां काम कर रहे थे और तट के किनारे रहने वाले स्थानीय लोग भी थे। पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से उत्तराखंड आपदा के बारे में जानकारी ली है। उन्होंने मुख्यमंत्री से राहत और बचाव कार्य के बारे में जानकारी प्राप्त की। सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं।

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