सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए नोएडा में सुपरटेक मंजिल के 40 मंजिला ट्विन टावर को गिराने के आदेश दिए हैं। आपको बता दें कि बताया जा रहा था कि निर्माण नियमों में उल्लंघन के बाद कोर्ट द्वारा यह आदेश जारी किया गया है।

आपको बता दें कि इस मामले को लेकर पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा निर्णय लिया गया था जिसको चुनौती सुप्रीम कोर्ट में दी गई थी अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पूरी तरह से बरकरार रखते हुए इसे गिराने के आदेश आज जारी कर दिए हैं।

कोर्ट ने सुपरटेक को फ्लैट मालिकों को 12% ब्याज के साथ पैसे लौटाने का आदेश दिया। बकौल कोर्ट, यह निर्माण नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों और सुपरटेक की सांठगांठ से हुआ।

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा में सुपरटेक ने एमराल्ड कोर्ट में लगभग 1,000 फ्लैटों वाले ट्विन टावरों के निर्माण में नियमों का उल्लंघन किया है और कंपनी को अपनी लागत से ही दो महीने की अवधि के भीतर इन्हें तोड़ना होगा । इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) को टावरों को गिराने का आदेश दिया है जिससे कि सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा सके।

इसके अलावा जिन लोगों के भी घर एस्प्रिन अपार्टमेंट और ट्विन टावर में थे उन सभी लोगों को 12% के ब्याज के साथ पैसे लौटाने के आदेश से लोगों को राहत मिली है। आपको बता दें कि जिन लोगों ने अपनी पूंजी और अपना पैसा इन घरों के लिए लगाया था उन्हें किसी प्रकार का नुकसान ना हो इस बात का ध्यान कोर्ट द्वारा रखा गया है।

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