अब कांग्रेस पार्टी भी समान नागरिक संहिता ( यूसीसी) का समर्थन कर रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को पत्रकारों से चर्चा में कहा कि भाजपा को धर्म, डेरे और यूसीसी जैसे मुद्दों की याद तब आती है जब चुनाव होते है और हार रही होती है। हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा ने हार के डर से ही यूसीसी का राग छेड़ा है। फिलहाल वह जनता के आंख में धूल झोंकने का काम कर रही है। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यदि भाजपा को यूसीसी लाना ही था, तो पांच साल पहले क्यों नहीं लाए। प्रदेश में पिछले पांच सालों से वह सत्ता में थी, जबकि केंद्र में आठ सालों से सत्ता में है।

हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने समान नागरिक संहिता ( यूसीसी) का दांव चलकर जहां विपक्षी खेमे में हलचल बढ़ा दी है, वहीं कांग्रेस ने भाजपा के इस ऐलान पर उसे आड़े हाथों लिया और कहा कि वह भी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का समर्थन करती है, लेकिन वह इस पर राजनीति नहीं चाहती है। सरकार को इस पर आम सहमति बनानी जानी चाहिए और राजनीतिक दलों से बात करनी जाए। कांग्रेस पार्टी शुरू से ही इसकी पक्षधर रही है।


प्रादेशिक स्तर पर नहीं चल सकता UCC
उन्होंने कहा कि वैसे भी यूसीसी प्रादेशिक स्तर पर नहीं चल सकता है। क्योंकि एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में लोग आते जाते रहते है, ऐसे में क्या नया यूसीसी लेना पड़ेगा। फिलहाल इसके लिए यह व्यवस्था राष्ट्रीय स्तर पर लागू होनी चाहिए। सिंघवी ने इस दौरान पीएम मोदी के राधा स्वामी सत्संग में जाने पर भी कटाक्ष किया और कहा कि डार के डर से उन्हें डेरे और धर्म की याद आ रही है। इस दौरान उन्होंने महंगाई के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा और कहा कि मौजूदा समय में महंगाई जिस तेजी से बढ़ी है, उनमें लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।

Related News