नई दिल्ली: कांग्रेस संसद से कृषि विधेयकों के पारित होने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ 24 सितंबर से देशव्यापी आंदोलन शुरू करना है। सोमवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सभी महासचिवों की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने कहा कि पार्टी किसान विरोधी और जनविरोधी कानून पारित करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ अभियान चलाने जा रही है। वहीं, पार्टी नेता अहमद पटेल ने कहा कि सरकार द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था को बर्बाद कर दिया गया है।

कृषि विधेयक न तो राज्य सरकारों के हित में है और न ही किसानों के। हमने संसद में इसके खिलाफ आवाज उठाई और अब सड़कों पर उतरने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में आंदोलन का फैसला किया गया। केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इन बिलों के खिलाफ किसानों और गरीब लोगों के 2 करोड़ हस्ताक्षर एकत्र करने के लिए पार्टी अभियान चला रही है। जिसके बाद राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कृषि बिलों के खिलाफ देश भर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जाएगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता अपने-अपने राज्यों में एक रैली निकालेंगे और संबंधित राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे।

कर्नाटक में कृषि बिलों के खिलाफ 10 दिवसीय विरोध: कर्नाटक में सोमवार से कृषि बिलों के खिलाफ किसानों का 10 दिवसीय विरोध शुरू हो गया है। इसके कारण सड़क पर जाम लग गया है। यह प्रदर्शन 30 सितंबर तक चलेगा। किसानों का मानना ​​है कि ये बिल किसान विरोधी हैं। जब तक सरकार बिल वापस नहीं लेती, हम विरोध को रोकने वाले नहीं हैं।

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