Coimbatore Car Blast Case: डीएमके देने जा रही है राज्यपाल के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन, सभी सांसदों को लिखा पत्र
कोयंबटूर कार विस्फोट का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। DMK पार्टी के नेता टीआर बालू ने पार्टी के सांसदों और समान विचारधारा वाले दलों को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया कि वे पार्टी मुख्यालय में आकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित एक ज्ञापन को पढ़ें और हस्ताक्षर करें जिसमें तमिलनाडु के राज्यपाल की तत्काल वापसी का जिक्र है। ज्ञापन में राज्यपाल की तत्काल वापस बुलाने की मांग की गई है। राज्यपाल आरएन रवि ने इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने में कथित राज्य सरकार की देरी पर असंतोष व्यक्त किया था। मामला तूल पकड़ने पर सत्तारुढ़ डीएमके ने राष्ट्रपति से राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग करेगी।
लेफ्ट ने भी की राज्यपाल की निंदा
सीपीएम के राज्य सचिव के बालकृष्णन ने शनिवार को कोयंबटूर कार विस्फोट पर राज्यपाल आरएन रवि की टिप्पणी की निंदा की और उन्हें वापस बुलाने की मांग की. बालकृष्णन ने कहा कि रवि ने मामले की एनआईए जांच की सिफारिश करने में देरी के लिए तमिलनाडु सरकार को जिम्मेदार ठहराया। लेकिन विस्फोट में शामिल लोग पहले से ही एनआईए की जांच के दायरे में थे और एजेंसी विस्फोट को रोकने में विफल रही।
राज्यपाल ने व्यक्त की थी चिंता
राज्यपाल ने पुलिस की प्रशंसा की जिसने घटना के कुछ घंटों के भीतर कार विस्फोट को एक गंभीर आतंकी हमले की साजिश के रूप में स्थापित किया और राज्य सरकार द्वारा नरमी पर अफसोस जताया। उन्होंने आतंकवाद पर कोई राजनीति नहीं करने और आतंकवादियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरतने का आग्रह किया क्योंकि वे देश के दुश्मन हैं और किसी के दोस्त नहीं हैं।
जानें- क्या है मामला
कोयंबटूर के कोट्टई ईश्वरन मंदिर के पास 23 अक्टूबर को एक कार में ये सिलेंडर विस्फोट हुआ था। इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। जांच एजेंसी 27 अक्टूबर को इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
एनआईए ने आरोपी के घर से जिहादी सामग्री बरामद होने का जिक्र किया है। एनआईए ने आरोपियों से 109 चीजें बरामद की हैं। इनमें इस्लामिक और जिहादी विचारधारा से जुड़ी नोटबुक भी शामिल हैं। इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस मामले की एनआईए से जांच कराने की सिफारिश की थी। तमिलनाडु सरकार ने कहा था कि आतंकवाद रोधी केंद्रीय एजेंसी को जांच की सिफारिश करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि इस मामले में संभावित अंतरराष्ट्रीय संपर्क के साथ ही राज्य से बाहर के तत्वों की संलिप्तता थी।