दोस्तों, आपको बता दें कि डबल एमए कर चुके दिलीप ताम्रकार अभी पीएचडी की तैयारी कर रहे हैं। इनका कहना है कि पेट भरने के लिए कुछ भी कर लेंगे लेकिन किसी के सामने हाथ नहीं फैलाएंगे। बता दें कि दिलीप ने छत्तीसगढ़ के इस चुनावी सीजन में नेताओं के लिए डीजे ग्रुप के जरिए रोजगार तलाश लिया है।

इनकी टीम में 6 साथी हैं। जो डीजे की धुन पर डांस कर नेताओं के लिए भीड़ जुटाते हैं तथा मनोरंजन करते हैं। बेरोजगारी क्या ना करवा दें, इसी डीजे ग्रुप से दिलीप के सभी साथियों का गुजर-बसर होता है। दिलीप ताम्रकार ने इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस में एमए करने के बाद लाइब्रेरी साइंस में भी डिग्री हासिल की है। वहीं उनके दो अन्य साथियों में राकेश साहू ने हिंदी में एमए किया है तथा देवराज साहू बीकॉम फर्स्ट ईयर के छात्र हैं। 12वीं की पढ़ाई छोड़ चुकी तीन लड़कियां भी इस डीजे ग्रुप में शामिल हैं। टीम के सभी लोगों का कहना है कि कुछ ही दिनों के लिए सही रोजगार तो है।

क्या कहता है यह डीजे ग्रुप
पारंपरिक परिधान में सजे-धजे ये नौजवान चुनाव प्रचार के दौरान मनोरंजन करके नेताओं के लिए भीड़ जुटाते हैं। दिलीप ताम्रकार कहते हैं कि हम प्रत्याशियों के लिए भीड़ जुटाते हैं, लेकिन ये लोग रोजगार और कई सपने दिखाकर आगे बढ़ जाते हैं।

मतदान कहां कर पाएंगे
टीम के अन्य सदस्यों का कहना है कि वह पैसों के लिए घर-परिवार सबकुछ छोड़ आए हैं। ऐसे में मतदान करने का सवाल ही नहीं उठता है। बता दें कि डीजे ग्रुप के सभी सदस्यों ने छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य अपने-अपने गांव में सीखा है। इनका कहना है कि पढ़े-लिखे होने के बाद भी केवल बेरोजगारी उन्हें नचा रही है। पैसे कितने मिलते हैं, इस सवाल पर वह चुप्पी साध लेते हैं।

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