बिहार की राजनीति में इस समय एक बड़ा बदलाव देखा गया है नीतीश कुमार ने सरकार का कार्यकाल पूर्ण होने से पहले एक बार फिर बिहार में सत्ता परिवर्तन करते हुए सप्ताह को पलट दिया है जिसके बाद अब बिहार में भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है।

क्योंकि नीतीश कुमार और अब लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव एक साथ आए हैं जिसके बाद कई पॉलिटिकल विशेषज्ञों का मानना है कि इससे जातीय समीकरण बिहार में बदल सकते हैं।

इसके अलावा आपको बता दें कि नीतीश कुमार इस बार आठवीं बार बतौर मुख्यमंत्री शपथ ले चुके हैं इसके साथ-साथ नीतीश कुमार के साथ उप मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी यादव ने भी दूसरी बार शपथ ग्रहण की है।

वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो उनका यह अंदाजा है कि जिस तरह से नीतीश और लालू प्रसाद यादव एक साथ आए हैं और पिछले 3 दशकों से इन दो नेताओं के इर्द-गिर्द ही बिहार की राजनीति घूम रही है अब इन दोनों नेताओं के साथ में आने से साल 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को एक बड़ा नुकसान देखने को मिल सकता है।

वही आपको बता दें कि नीतीश कुमार भी पिछड़ी जाति से आते हैं हालांकि वह जिस जाति से आते हैं उस जाति के मात्र 2 से 3% वोटर ही पूरे बिहार में हैं।

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