पूरे इसरो सेंटर यहाँ तक कि पूरे देश में उस वक्त सन्नाटा छा गया जब मिशन चन्द्रयान को लेकर एक बुरी खबर आई। बुरी खबर ये है कि चन्द्रमा की साथ पर उतरने से पहले ही विक्रम लैंडर का संपर्क इसरो से टूट गया। लेकिन फिर भी भारतीय वैज्ञानिकों का हौसला देश ने कम नहीं होने दिया है।

इसरो अध्यक्ष के सिवन ने जानकारी देते हुए कहा कि कम्युनिकेशन लिंक को बंद करने की घोषणा की। संपर्क चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी दूर था। इसके बाद संचार लिंक टूट गया। लाइव स्क्रीनिंग के दौरान विक्रम लैंडर अपने नियोजित मार्ग से थोड़ा बदल गया और फिर उसके बाद उसका संपर्क टूट गया। लेकिन अभी भी उइन 4 वजहों से उम्मीदें जारी है।

1 अभी तक लैंडर और रोवर को निष्क्रिय घोषित नहीं किया गया है। ऐसे में उसकी स्थिति का पता चलने पर दोबारा संपर्क जोड़ा जा सकता है। ऐसे में अभी भी उम्मीद है।

2. लैंडर और रोवर से ऑर्बिटर अलग हुआ था जो चांद की कक्षा में 119 किलोमीटर की ऊंचाई पर परिक्रमा लगा रहा है।

3. अब ऑर्बिटर अगले एक साल तक चांद पर काम करेगा। ऐसे में लैंडर की स्थिति का पता नहीं चलने पर मिशन जारी रहेगा।

4. ऐसे में ऑर्बिटर में लगे 5 पेलोड हाई स्कैनर कैमरा चांद की सतह की तस्वीरें और वहां पर मौजूद पानी, बर्फ और खनिज के बारे में जानकारी देगा।

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