नई दिल्ली: किसान आंदोलन में आज बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होने वाला है। आज आंदोलन का 48 वां दिन है और आज शीर्ष अदालत मामले में दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाने के लिए तैयार है। इस मामले की कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें केंद्र सरकार से फटकार लगाई गई और कोर्ट ने मामले को सुलझाने के लिए एक कमेटी के गठन की भी माँग की।

हालांकि, शीर्ष अदालत की फटकार सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों को नहीं दिख रही है। कर्नाटक के कोलार के भाजपा सांसद एस मुनीस्वामी ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों को पैसे दिए जा रहे हैं और उन्हें आंदोलन स्थलों पर लाया जा रहा है। वे बिचौलिए और नकली किसान हैं। उन्होंने आगे कहा कि वे (किसान) केएफसी से पिज्जा, बर्गर और खाना खा रहे हैं और वहां जिम बनाया गया है। यह ड्रामा बंद होना चाहिए। एस मुनीस्वामी किसानों के आंदोलन के बारे में अपमानजनक बयान देने वाले पहले भाजपा नेता नहीं हैं। इससे पहले कई भाजपा नेताओं ने आंदोलन पर सवाल उठाए हैं।

इससे पहले सोमवार को, शीर्ष अदालत ने सरकार से किसानों के आंदोलन से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए कहा था और कहा था कि वह केंद्र सरकार के रुख से नाखुश है। न्यायालय ने केंद्र से कहा था कि वह नए कृषि कानून या न्यायालय पर ही कायम रहे।

Related News