फिल्म बार्डर देखकर जागा जज्बा, दुश्मनों पर निगाह रखने के लिए यह लड़की बनी कमांडेंट
इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के बीकानेर की एक एनसीसी कैडेट्स तनुश्री पारीक ने बॉलीवुड फिल्म बॉर्डर देखने के बाद देश की सेना में शामिल होकर दुश्मनों से दो-दो हाथ करने की ठान ली। सालभर की सैन्य ट्रेनिंग और 70 दिनों तक चलने वाली कमांडो ट्रेनिंग पास कर तनुश्री पारीक बीएसएफ की पहली महिला असिस्टेंट कमांडेंट बन गईं।तनुश्री पारीक ने टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी में आफिसर बनने की ट्रेनिंग ली।
पासिंग आउट परेड के दौरान तनुश्री ने 18 सेकंड की दौड़ मात्र 15 सेकंड में ही पूरी कर ली। इसके बाद तनुश्री को देश की पहली बीएसफ महिला सहायक कमांडेंट बनने का गौरव हासिल कर लिया। बतौर सहायक कमांटेंड कड़ी ट्रेनिंग लेने के बाद तुनश्री देश की सीमा पर तैनाती के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि बीकानेर प्रशासन ने तनुश्री को बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान का ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया है।
गौरतलब है कि स्कूली दिनों में बेहतरीन एनसीसी कैडेट्स रही तनुश्री पारीक बीएसएफ अकादमी के 40वें बैच की अधिकारी बनीं। ट्रेनिंग के दौरान तनुश्री और उनके साथी अधिकारियों को दुश्मनों से निपटने के तरीकों में माहिर बनाया गया।
तनुश्री के बीएसएफ की पहली महिला सहायक कमांडेट बनने पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इंडियन आर्मी और अर्धसैनिक बलों में नियुक्त महिला सैन्य अधिकारी देश सेवा को बखूबी अंजाम दे रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से तनुश्री ने बीएसएफ की पहली महिला सैन्य अधिकारी बनकर एक नई मिसाल पेश की है, उसी तरह देश की अन्य महिलाएं भी देश की सुरक्षा के लिए आगे आती रहेंगी।