भारत में अंग्रेजों के आने से पहले दुश्मनों के लिए यमराज थे यह घातक हथियार
दोस्तों, आपको बता दें कि भारत में अंग्रेजों के आने से पहले भारतीय राजाओं ने अपने खतरनाक हथियारों की बदौलत कई विदेशी आक्रमणकारियों को धूल चटा दी थी। उन दिनों भारत ने ऐसे-ऐसे खतरनाक हथियार बनाए थे, जिससे देखते ही दुश्मन हैरान रह जाते थे।
चक्रम
तेज धार चक्रम से बचने का कोई तरीका नहीं है। इसके रास्ते में जो भी आता है, उसे वह आसानी से काट देता है। युद्ध के समय सैनिक दो चक्र रखते एक हाथ में तथा एक हवा में रहता।
उरुमी
केरल में बनी तेज धार की तलवार उरुमी स्टील की बनी होती है। इस तलवार में 5 से 6 फुट लंबे 32 ब्लेड लगे होते हैं। एक छोटी सी गलती से आप खुद ही अपना हाथ काट बैठेंगे।
दंडपट्ट
दंडपट्ट को मराठाओं का हथियार कहा जाता है, इसे चलाने में शिवाजी महाराज भी माहिर थे। यह हथियार एक बार में कई सैनिकों के सिर धड़ से अलग करने की काबिलियत रखता है।
खुकरी
पूरे विश्व में खुकरी को गोरखाओं का हथियार माना जाता है। खुकरी एक तेज धार मुड़ा हुआ ब्लेड होता है। बहुत अधिक ताकत के बिना ही यह आसानी से किसी को काट सकता है।
बघ नखा
हथियार बघनखा से शिवाजी महाराज ने अफजल खान को मारा था। बघनखे में उंगली और अंगूठे की जगह तेजधार ब्लेड का इस्तेमाल किया जाता है। शेर के पंजे की तरह यह हथियार कुछ ही पल में उसके प्राण खींच सकता है।
कटार
तलावर के टूटे हुए टुकड़ों से बनी कटार बहुत छोटी होती है। कटार में तीन ब्लेड लगे होते हैं, जो दुश्मन के लिए बहुत खतरनाक साबित होती है।