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कोरोना की दवा बनाने को लेकर चर्चा में आए बाबा रामदेव पर अब सरकार ने सख्त फैसला लिया है , पतंजलि की ओर से कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल के विज्ञापन पर मोदी सरकार ने रोक लगा दी है। मोदी सरकार के आयुष मंत्रालय ने कहा है कि इस दवा की स्टडी और निर्माण की जानकारी मंत्रालय के पास नहीं है। ऐसे में इस दवा का विज्ञापन करना कि इस दवा ने 100 प्रतिशत मरीजों को ठीक किया, कानूनी अपराध है।

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आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से इस दवा की पूरी जानकारी मांगी है। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि इस दवा का नाम, घटक और नमूने का विवरण सरकार को दी जाए। साथ ही मंत्रालय ने ये भी पूछा है कि इस दवा का निर्माण कहां किया गया औऱ किस अस्पताल में इसकी टेस्टिंग की गई? इसकी भी जानकारी मंत्रालय को दी जाए।

किसी भी दवा की पूरी स्टडी आयुष मंत्रालय के द्वारा किए जाने से पहले उसके 100 प्रतिशत कारगर होने का दावा करना कानूनी अपराध है। इसपर आपत्तिजनक विज्ञापन कानून के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। इसलिए इसके विज्ञापन को तत्काल प्रभाव से रोका जाए।

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