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दोस्तों, आपको बता दें कि तमाम चुनावी सर्वे में यह बात सामने आ चुकी है कि राजस्थान में इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिल सकता है। इस प्रकार कांग्रेस पार्टी से टिकट मांगने वालों की तादाद बहुत ज्यादा बढ़ गई है। बतौर उदाहरण राज्य की प्रत्येक विधान सभा सीट से कांग्रेस के औसतन 15 दावेदार हैं।

बता दें कि राज्य में विधानसभा की 200 सीटें हैं। खबरों के अनुसार, अब तक करीब 3000 लोग कांग्रेस से टिकट पाने की अर्जी दे चुके हैं। इनमें से अधिकांश नेता अपना टिकट पक्का करने के लिए जयपुर से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं।

बताया जा रहा है कि एक दो दिन में ही कांग्रेस पार्टी राजस्थान में अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती है। विधानसभा सीट के सभी दावेदारों ने कांग्रेस के किसी ना किसी बड़े नेता के यहां अपनी बायोडाटा सौंपी है।

चूंकि चुनावी रैलियों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पार्टी में महिलाओं और युवाओं को अधिक से अधिक टिकट देने की बात कह चुके हैं। लिहाजा राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए महिला तथा युवा दावेदारों की संख्या अचानक बढ़ गई है। राहुल गांधी के बयान को देखते हुए कहा जा रहा है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में साल 2013 के मुकाबले महिला उम्मीदवारों की भागीदारी ज्यादा देखी जा सकती है। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 23 महिलाओं को टिकट दिया था।

11 अक्टूबर को राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के बड़े नेताओं ने मैराथन बैठक की थी। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, चुनाव समिति की अध्यक्ष कुमारी शैलजा, पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे के अलावा चारों सह प्रभारी देवेन्द्र यादव, तरुण कुमार, विवेक बंसल और काजी निजामुद्दीन भी शामिल थे। गौरतलब है कि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 163 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 21 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था।

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