दोस्तों, भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कुछ ऐ​तिहासिक फैसलों को आज भी देश की जनता पूरी शिद्दत के साथ याद करती है। दोस्तों, प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी को पाकिस्तान से बार-बार धोखा ही मिला था, बावजूद इसके मानवता के नाते उन्होंने हमेशा दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाया।

कारगिल युद्ध
पाकिस्तान भारत की सरहदें लांघकर करगिल में घुस आया। पाकिस्तानी सेना और आतंकियों की संयुक्त टीमों ने कारगिल में डेरा जमा लिया। बावजूद इसके अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से फोन पर बात करके उन्हें समझाने की भरपूर कोशिश की थी। बात नहीं बनी तो कारगिल युद्ध हुआ। परिणाम पूरी दुनिया जानती है।

दिल्ली-लाहौर बस सेवा
भारत-पाक रिश्ते को एक बार फिर से पटरी पर लाने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 1999 में दिल्ली-लाहौर के बीच बस सेवा शुरू की। इस बात को लेकर भारत की जनता ने काफी ऐतराज जताया था। बदले में पाकिस्तान के आतंकियों ने 2001 में संसद पर हमला कर दिया। कुछ दिनों के लिए बंद की गई दिल्ली-लाहौर बस सेवा साल 2003 में फिर से शुरू कर दी गई।

मुशर्रफ को न्यौता
कारगिल युद्ध के बाद जुलाई 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के साथ आगरा में शिखर बैठक की, लेकिन यह बैठक बेनतीजा रहा। पाकिस्तान की ओर से इस शिखर वार्ता का जवाब भारतीय संसद पर आतंकी हमले के रूप में दिया गया।

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