भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिन पर दिन देश की हित में कदम बढ़ा रहे है। वो एक कामयाब प्रधानमंत्री माने जाते है, और अब तो वे प्रधानमंत्री के रूप में कामयाबी की सीढ़ियां तेजी से तय कर रहे हैं। लेकिन क्या किसी में उनकी निज़ी ज़िन्दगी से जुड़े इस सवाल के बारे में जानने की हिम्मत की है की वो एक कामयाब पति भी हैं?'

जानकारी के लिए आपको बता दे कि मई में भारत में हुए आम चुनाव से पहले देश के पांच 'बैचलर' नेताओं के नाम सामने आ रहे थे, नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, मायावती, जयललिता और ममता बनर्जी, लेकिन नामांकन पत्र दाखिल करने के समय नरेंद्र मोदी का नाम इस श्रेणी से बाहर हो गया क्योंकि उन्होंने अपना नाम 'विवाहित' की श्रेणी में डाला गया, और इस तरह सार्वजनिक जीवन में पहली बार उनकी 'ख़ुफ़िया' पत्नी का नाम सामने आया। जशोदाबेन को सरकारी दस्तावेज़ में अपनी पत्नी स्वीकार करने के बावजूद नरेंद्र मोदी ने इस पर अपनी ख़ामोशी अब तक नहीं तोड़ी है।


इंटरव्यू देने के पीछे जशोदाबेन का मक़सद जो भी रहा हो, ये सच है कि अब तक उन्होंने अपना स्वाभिमान नहीं खोया है, बातचीत के दौरान जशोदाबेन कह चुकी हैं कि उनके वर्षों से उनके पत्र अनोत्तरित रहे हैं। उनके बीच 45 सालों की अलहदगी और ख़ामोशी की दीवारें अब तक नहीं टूटी हैं। ज़ाहिर है जशोदाबेन इसे अपना अपमान समझती हैं।


इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपने पति के घर जाने की इच्छा का इज़हार भी किया है। लेकिन उनके अनुसार वो उसी समय वापस लौटेंगी जब उनके पति खुद उन्हें फोन करेंगे। दूसरे शब्दों में अगर नरेंद्र मोदी उन्हें एक पत्नी का सम्मान देंगे तभी वे वहाँ जाएँगी।

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