दोस्तों, आपको बता दें कि अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के लिए विश्व हिंदू परिषद पत्थर तराशी के साथ-साथ मूर्तियां भी बनवा रही है। जबकि ठीक इसके विपरीत राम मंदिर निर्माण का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 से पहले एक बार फिर से अयोध्या में राम ​मंदिर निर्माण की सरगर्मियां अपने चरम पर हैं। 25 नवंबर को अयोध्या में विहिप, शिवसेना, बजरंगदल, संत समाज तथा आरएसएस की तरफ से धर्म सभा का आयोजन किया गया है।

इस धर्म सभा में करीब एक लाख की भीड़ जुटने की उम्मीद है। कानून-व्यवस्था प्रभावित होने के अंदेशे के मद्देनजर अयोध्या में भारी तादाद में फोर्स व अफसरों की तैनाती कर दी गई है। सीमावर्ती जिलों की पुलिस के अलावा 48 कंपनी पीएसी तैनात किए जाने से अयोध्या छावनी में तब्दील हो चुकी है।

बता दें कि विहिप की योजनानुसार करीब 67.77 एकड़ के संपूर्ण अधिगृहीत परिसर में भगवान राम से जुड़ी करीब 100 मूर्तियां लगाई जानी है। जिसमें अयोध्या के बालकांड से लंकाकांड से जुड़े प्रसंगों को मूर्तियों के माध्यम से आकार दिया जा रहा है।

मुख्य कारीगर रंजीत मंडल के मुताबिक, अशोक सिंघल ने यह बात पहले ही कही थी कि जो भी मूर्तियां बने, वह राम कथाकुंज के नाम पर हो। जब राम मंदिर बन जाएगा तब उसके चारो तरफ करीब 67 एकड़ जमीन में चारो तरफ यह मूर्तियां लगाई जाएंगी। इस बारें में चंपत राय का कहना है कि मूर्तियों का काम जल्द ही पूरा करना है, क्योंकि अब समय नजदीक आ रहा है। इस काम को जल्दी से पूरा करना है, किसी को छुट्टी नहीं मिल रही है। यहां तक कि हम लोग बाहर से भी कारीगर बुला रहे हैं।

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