इंटरनेट डेस्क। जैसलमेर की भारत-पाक सीमा पर वह चमत्कारी माता मंदिर आज भी मौजूद है, जिसे लोंगेवाला युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने ध्वस्त करने की पूरी कोशिश की थी। इस माता मंदिर को उड़ाने के लिए पाकिस्तान की सेना ने करीब 3000 बम दागे थे, यहां तक कि मंदिर परिसर गिरे 450 बम तो फटे ही नहीं। बावजूद इसके इस माता मंदिर की एक ईंट को भी कोई क्षति नहीं पहुंची।

जी हां, हम तनोट माता मंदिर की बात कर रहे हैं। 4 दिसंबर 1971 की रात लोंगेवाला युद्ध में भारत और पाकिस्तानी सेना आमने-सामने टकराई थी। बता दें कि एक ही रात में भारतीय सेना की मात्र एक बटालियन ने पाकिस्तानी सेना की पूरी टैंक रेजिमेंट को ही खत्म कर दिया था। इसे टैंकों का युद्ध भी कहा जाता है। युद्ध इतिहास में पाकिस्तानी सेना को इतनी क्षति कभी नहीं हुई थी। दो दिन के अंदर पाक सेना के कुल 34 टैंक नष्ट हो गए थे।

तनोट माता मंदिर का यह चमत्कार देखिए कि मंदिर परिसर में गिरे 450 नहीं फट पाए थे। यह मंदिर भारतीय सेना और स्थानीय जनता के लिए श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बना हुआ है। तनोट माता मंदिर परिसर में बने संग्रहालय में पाकिस्तानी सेना के 450 बम आज भी रखे हुए हैं।

इस माता मंदिर परिसर में एक विजय स्तम्भ भी बना हुआ है, जहां 16 दिसंबर को हर साल विजय उत्सव मनाया जाता है। तनोट माता मंदिर को आवड माता के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का सारा देखरेख बीएसएफ के जवान ही देखते हैं। सेना के जवानों को ऐसा विश्वास है कि माता मंदिर के रहते इस सरहद के रास्ते सीमा पार से कोई भी ताकत उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती है।

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