रिटायर होने के बाद क्यों मार दिए जाते थे आर्मी डॉग्स, जानिए वजह
इंटरनेट डेस्क। कुत्ते शुरू से ही किसी भी सेना का एक अहम हिस्सा रहे है और दुनिया भर की लगभग हर सेना में कुत्ते अपनी सेवाएं दे रहे है। भारतीय सेना ने उन्हें 1959 में पहली बार कुत्तों को सेना में शामिल करना शुरू किया और तभी से लेकर हर बार ये सेना के लिए फायदेमंद साबित हुए है। भारतीय सेना के कुत्तों ने अनेकों बार बहादुरी दिखाने और कई बार हमारे सैनिकों की जान बचाने के लिए कई पुरस्कार जीते हैं।
भारतीय सेना में शामिल कुत्तों को विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए अत्यधिक प्रशिक्षित किया जाता है। वे आतंकवाद विरोधी अभियानों में सैनिकों की सहायता करते हैं और जब वे पैदल सेना गश्त इकाइयों का हिस्सा होते हैं तो बम और इत्यादि चीज़ों का पता लगाते हैं। इनका उपयोग उन महत्वपूर्ण स्थानों की रक्षा के लिए भी किया जाता है जहां दुश्मन के हमले की संभावना अधिकतम होती है।
लेकिन क्या आप जानते है कि भारतीय सेना में कुत्तों को कुछ वर्ष सेवा करने के बाद रिटायर कर दिया जाता है या जब वे काम करने लायक नहीं रहते है तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है?
दरअसल सेना द्वारा यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि अगर रिटायर कुत्ता किसी आतंकवादी या दुश्मन के हाथ लगा तो देश की सुरक्षा से खतरा हो सकता है क्योंकि इनके पास सभी महत्वपूर्ण और अत्यधिक गोपनीय स्थानों खासकर सीमा जहां सेना संचालित होती है। की जानकारी होती है। इनको सभी रास्ते आसानी से याद होते है। यही कारण है कि सेना में 8-9 वर्ष तक अपनी सेवाएं देने के बाद उन्हें रिटायर कर दिया जाता है और इसके बाद उन्हें मार दिया जाता है।
इसका एक और कारण यह है कि सेना ने पाया है कि रिटायर कुत्तों की देखभाल करने करने वाले कई संगठन और गैर सरकारी संगठन अपना काम ठीक से नहीं कर रहे थे। यहां पर कुत्तों को कई बार जांच के दौरान बुरी स्थिति में पाया गया और सेना अपने इन सैनिकों को इस तरह की स्थिति में नहीं देखना चाहती थी इसलिए उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा।
हालांकि, जानवरों के अधिकार के लिए काम करने वाले समूहों के अनुरोध पर सरकार के करने के बाद रिटायर कुत्तों को मारने का यह काम अब बंद कर दिया गया है। अब सेना खुद इन रिटायर कुत्तों की देखभाल करती है। अब सेना ने मेरठ में रिटायर कुत्तों को रखने के लिए एक स्थान बनाया है जहां पर इनकी देखभाल की जाती है। इसके अलावा आप पूरी प्रक्रिया के बाद इन्हें अडॉप्ट भी कर सकते है।