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आपत्तिजनक आरोपों से घिरे केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने इस्तीफ़ा दिया हैं। उन पर करीब 20 महिलाओ ने आपत्तिजनक आरोप लगाया था। मी टू कैंपेन के तहत एमजे अकबर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपना इस्तीफा भेज दिया है।

इस्तीफ़ा देने के बाद एजमे अकबर ने कहा कि, वे न्याय के लिए व्यक्तिगत लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा अब वह निजी तौर पर केस लड़ेंगे। अकबर ने प्रधानमंत्री मोदी और सुषमा स्वराज का शुक्रिया अदा भी किया। अकबर ने उन पर लगे आरोपों को 10 से 15 साल पुराना बताया।

बता दे, एमजे अकबर राजनीति में आने से पहले मीडिया के क्षेत्र में काम किया करते थे। उन्होंने उन पर आरोप लगाने वाली पहली महिला प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया हैं, जिसके लिए उन्होंने करांजावाला लॉ फर्म की सहायता ली हैं।

एमजे अकबर ने आपराधिक मानहानि की धारा आईपीसी 499, 500 के तहत प्रिया रमानी के खिलाफ केस दर्ज कराया हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि, साढ़े चार साल बाद मोदी मंत्रिमंडल के एक सदस्य द्वारा इस्तीफे दिए जाने का फायदा कांग्रेस को कैसे मिलता हैं।

दोस्तों अगर आप मी टू कैंपेन के तहत फंसने वाले एमजे अकबर के बारे में कुछ कहना चाहते हैं, तो हमें अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में जरूर देवें।

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