अफगानिस्तान में अब वही हो रहा है जिसका पूरी दुनिया को एवं अफगानिस्तान के आम नागरिक को डर था। पर अफगानिस्तान में जैसे ही तालिबान का फिर से राज शुरू हुआ लोगों की चिंता महिलाओं के लिए बढ़ गए क्योंकि तालिबान किसी भी तरह से महिलाओं को बराबरी का हक देने में विश्वास नहीं रखता है। हालांकि जब तालिबान के प्रवक्ता द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई तो उसमें उन्होंने महिलाओं को बराबर की भागीदारी की बात देने की कही थी लेकिन अब उसकी सच्चाई सामने आती हुई दिखाई दे रही है।

हाल ही में एक न्यूज़ चैनल पर एक अफगानी महिला द्वारा एक इंटरव्यू तालिबान के एक व्यक्ति से लिया गया था जिसके बाद वह वीडियो काफी वायरल हुआ और उसके बाद अब वही हुआ जिसका डर था उस महिला को दफ्तर आने से रोक दिया गया सिर्फ इसलिए क्योंकि वह एक महिला है।

तालिबान किस तरह से महिलाओं के बराबरी के हक में विश्वास नहीं रखता है इस बात में अभी किसी को कोई संशय नहीं है लेकिन इस बात को अब खुले रुप से एक महिला पत्रकार द्वारा सभी के सामने बता दिया गया है।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े के बाद टीवी स्टेशन 'आरटीए पश्तो' के लिए काम कर रहीं शबनम दावरन नामक महिला ऐंकर को ऑफिस में नहीं जाने दिया गया। बकौल शबनम, "मुझसे कहा गया कि 'अब शासन बदल गया है, आप एक महिला हैं, घर जाइए'।" इससे पहले तालिबान ने कहा था कि महिलाओं के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा।

जिस तरह से एक महिला पत्रकार को सिर्फ महिला होने के कारण वापस घर लौट जाने और काम नहीं करने की बात की गई है इसे साफ तौर पर देखा जा सकता है कि आने वाले समय में अफगानिस्तान में महिलाओं एवं अफगानिस्तान के लोगों का भविष्य किस तरह से अंधकार में चला गया है।

Related News