Afghan Crisis: अमेरिकी ड्रोन हमले में 6 की मौत; बाइडेन सरकार की आलोचना
संयुक्त राज्य अमेरिका ने ISIS के आतंकवादियों को खत्म करने और संभावित हमलों को रोकने के लिए काबुल में ड्रोन हमले शुरू किए हैं। अमेरिकी ड्रोन हमले में छह बच्चों सहित नौ नागरिक मारे गए हैं। इससे बिडेन सरकार की आलोचना हुई है। सभी मृतक एक ही परिवार के थे।
इस्लामिक स्टेट खुरासान समूह के आतंकवादी काबुल हवाईअड्डे पर और हमले की तैयारी कर रहे हैं। आतंकियों को ले जा रहे एक वाहन को ड्रोन ने उड़ा दिया। वाहन रिहायशी इलाके से गुजर रहा था। इसने क्षेत्र के नौ लोगों की भी जान ले ली।
हमलावर दोपहर बाद काबुल हवाईअड्डे के सामने लगा। हमलावर दोपहर बाद काबुल हवाईअड्डे के सामने लगा। एक वाहन से रॉकेट दागे जाने की खबर है। रॉकेट हमलों के कारण विभिन्न स्थानों पर धुएं के गुबार उठे। कहीं-कहीं आग लग गई है, वाहनों को नुकसान पहुंचा है। हवाईअड्डे पर आ रहे रॉकेट को हवाईअड्डे पर एयरफील्ड डिफेंस ने मार गिराया।
अमेरिका को 31 अगस्त के बाद अफगानिस्तान में हवाई हमला करने का अधिकार नहीं होगा। तालिबान ने कहा है कि वह अब ऐसा करने की कोशिश नहीं करेगा। अमेरिका ने दो दिनों में दो हवाई हमले किए हैं।
बाइडेन ने साफ कर दिया है कि अभी और हवाई हमले होंगे। काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले में मारे गए 13 अमेरिकी सैनिकों के शव अमेरिका के डेलावेयर पहुंच गए हैं। इस समय बाइडेन खुद मौजूद थे।
संगठन के कमांडर ने दावा किया है कि ISIS के खुरासान समूह में कई भारतीय शामिल हो गए हैं। इसमें 600 सदस्य हैं, जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी और भारतीय हैं। हम इस्लामिक शरिया कानून लागू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका के हटने के बाद ISIS के लिए अफगानिस्तान में पैर जमाना आसान हो जाएगा।