अब्दुल कलाम ने बनाई जब यह सुपरसोनिक मिसाइल, फिर कहलाने लगे मिसाइल मैन
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दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। 15 अक्टूबर 1931 को दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्मे अब्दुल कलाम को 1997 में भारत रत्न से नवाजा गया। वह देश के तीसरे ऐसे व्यक्ति बने, जिन्हें राष्ट्रपति बनने से पहले भारत रत्न से नवाजा गया था। उनसे पहले यह उपलब्धि केवल सर्वपल्ली राधाकृष्णन और जाकिर हुसैन के नाम थी।
कलाम के पिता नाविक थे तथा मछुआरों को नाव किराए पर दिया करते थे। लेकिन पांच भाई और पांच बहनों वाले परिवार का खर्च चलाने के लिए पैसे कम पड़ जाते थे। अब्दुल कलाम ने अपनी पढ़ाई के शुरूआती दिनों में रामेश्वरम रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर अखबार भी बेचे थे।
बतौर राष्ट्रपति कलाम ने 2002 से 2007 तक अपनी सेवाएं दी। अब्दुल कलाम ने भारत को एक से बढ़कर एक मिसाइलें दी। कलाम ने इसरो में सेवाए देने के दौरान भारत को अग्नि, पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश और नाग जैसी मिसाइलें दी। इतना ही नहीं कलाम के प्रयासों से ही भारत को 1998 में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस भी मिली।
इस सफलता के साथ ही कलाम को मिसाइल मैन के रूप में प्रसिद्धि मिली और उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। वाजपेयी सरकार ने अब्दुल कलाम की अगुवाई में ही न्यूक्लियर टेस्ट किए, जिससे भारत परमाणु हथियार बनाने वाले देशों में शामिल हो गया। वह भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे।