कड़ी सुरक्षा के बाद भी विपक्ष उठा रहा EVM पर सवाल, चुनाव आयोग ने किया सवालों को खारिज
लोकसभा चुनाव के नतीजे अब आने वाले हैं लेकिन इस से पहले विपक्ष की सभी पार्टियां ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है। अभी तक ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमे विपक्ष की पार्टियां एक के बाद एक कई हमले चुनाव आयोग पर कर रही है। ऐसी कई घटनाएं अब तक हो चुकी हैं जिनमे चंदौली में, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हुई घटना आदि शामिल है। लेकिन EC ने इन सभी मामलों पर सफाई दे दी है। आयोग ने सभी आरोपों को दरकिनार कर दिया है और कहा है कि EVM कड़ी सुरक्षा में है।
चुनाव आयोग ने हर एक घटना पर अपना जवाब दिया है और सफाई भी दी है। यूपी के गाजीपुर में हुई ईवीएम की गड़बड़ियों के आरोप को भी गलत ठहराते हुए भी चुनाव आयोग ने कहा है कि ‘वहां पर स्ट्रॉन्ग रूम को लेकर प्रत्याशियों के द्वारा जो सवाल खड़े किए गए थे, उन्हें सुलझा लिया गया है।’
गाजीपुर में महागठबंधन के प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने ईवीएम को बदले जाने का आरोप लगाया था और इसे लेकर उन्होंने धरना भी किया था। गाजीपुर में मोदी सरकार में मंत्री मनोज सिंहा बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार है।
चुनाव आयोग ने गाजीपुर के अलावा चंदौली, डुमरियागंज और झांसी की घटनाओं पर भी बयान जारी किया है। सभी मामलों को सुलझाते हुए EC ने अपनी राय भी जारी की है और सभी को आश्वस्त किया है कि किसी भी बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।
EC का कहना है कि काउंटिंग सेंटर पर ईवीएम और VVPAT को राजनीतिक दलों के सामने वीडियोग्राफी कर सुरक्षित रखा गया है। इसके अलावा हर जगह CCTV कैमरा लगे हैं और CPAF की तैनाती है। जो प्रत्याशी चुनाव में खड़े हैं, उन्हें तक कंट्रोल रूम में जाने की अनुमति नहीं है।
19 मई को हुए आखिरी चरण के वोटिंग में भी ईवीएम की सिक्योरिटी को लेकर बहुत से सवाल खड़े किए गए हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में आज करीब 22 विपक्षी दल चुनाव आयोग से भी इस मसले पर ही मुलाकात कर सकते हैं। विपक्ष की ये भी मांग है कि वोटों की गिनती में वीवीपैट की 50 फीसदी पर्ची का मिलान कर देखना चाहिए।