इस्लाम धर्म के मुताबिक, रमजान के पवित्र महीने में अल्लाह की रहमतें और बरकतें बरसती हैं। यही तोहफा पाने के लिए इस्लाम धर्म का हर शख्स रोजा रखता है। मान्यता है कि रोजा रखने वाले को जन्नत नसीब होती है। इसीलिए रमजान के दौरान हर जगह का माहौल खुशगवार रहता है और चारो तरफ बरकत दिखाई देती है।

बता दें कि रमजान के महीने में रोज़ेदार ज्यादा से ज्यादा वक्त अल्लाह की इबादत में ही गुजारते हैं। रोजेदारों के लिए रमजान का महीना बेहद ही खास होता है। इस बारे में नबी पाक ने फरमाया है, जिसने भी किसी रोज़ेदार को रोज़ा इफ्तार कराया उसे रोज़े रखने वाले का जितना सवाब मिलता है। इतना ही नहीं रोज़ेदार के सवाब में से किसी तरह की कमी और कटौती नही होती है। रोज़ेदार को रोज़ा इफ्तार कराना बहुत बड़ा सबब है, इसी कारण से लोग इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं और रोजेदारों को इफ्तार कराते हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि रमजान के महीने में सऊदी अरब के मुक़द्दस शहर मदीना में रमज़ान के दिनों में दिल को छू लेने वाला नजारा होता। नबी की मस्जिद में कई किलोमीटर लम्बा दस्तरख्वान लगता है, जिस पर इफ्तार का सामान मदीने के स्थानीय नागरिक और अन्य लोग लाते हैं। जानकारी के अनुसार मस्जिद नबवी में हर साल करीब 10 से 12 लाख रोजेदार एक साथ रोजा इफ्तार करते हैं। इसी कारण मदीना की मस्जिद ए नबवी में दुनिया का सबसे बड़ा रोजा इफ्तार होता हैं।

(दस्तरख्वान - वह कपड़ा जिसके ऊपर खाने के लिए भोजन के थाल आदि रखे जाते हैं।)

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