भारत के इन 5 शक्तिशाली समुद्री योद्धाओं के बारे में कितना जानते हैं आप?
ऐसा माना जाता है कि जिस नौसेना में जितनी ज्यादा पनडुब्बियां होती हैं, वह सेना उतनी ही ताकतवर मानी जाती है। क्योंकि दुश्मन की सीमा में घुसकर उन्हें अपना निशाना बनाना और फिर सकुशल वापस लौट आना, ऐसा रोचक कारनामा केवल शक्तिशाली पनडुब्बियां ही कर सकती हैं।
आपको जानकारी के लिए देश की कई किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा पर अपनी कड़ी निगाह रखने की जिम्मेदारी इंडियन नेवी के पास है। इंडियन नेवी अपने शक्तिशाली युद्धपोतों तथा पनडुब्बियों की बदौलत युद्ध के दौरान किसी भी वक्त दुश्मन का खात्मा कर सकती है। इंडियन नेवी के पास कई ताकतवर सबमरीन है, जिससे वह हिंद महासागर पर राज करती है।
1- आईएनएस कलवरी
स्कॉर्पिन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस कलवरी का वजन 1,870 टन है। एआईपी तकनीक की वजह से कलवरी को चलने के लिए वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होगी, मतलब यह बिना किसी की नजर में आए 21 दिनों तक पानी के नीचे रह सकती है। यह पनडुब्बी पानी के अंदर तथा सतह पर टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल के माध्यम से हमला कर सकती है। यह एक ऐसी अटैक सबमरीन है जिसमें 18 एसएम-39 एक्सोसेट एंटी शिप मिसाइल तैनात हैं। यह बिना रडार की पकड़ में आए 180 किलोमीटर दूर दुश्मन के जहाज पर हमला बोल सकती है।
2- आईएनएस अरिहंत
भारत की पहली परमाणु पनडुब्बी का नाम आईएनएस अरिहंत है। स्वदेशी पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत का वजन 6,000 टन है। यह पनडुब्बी समुद्र के किसी भी कोने से शहर को बर्बाद करने की क्षमता वाली मिसाइल छोड़ सकती है। साथ ही, इसको जल्दी डिटेक्ट भी नहीं किया जा सकता है। मतलब साफ है, एडवांस सोनार प्रणाली से युक्त इस पनडुब्बी में सतह और आकाश के बाद जल के भीतर से परमाणु वार करने की क्षमता है। आईएनएस अरिहंत में 750 किमी और 3500 किमी क्षमता वाली मिसाइलें हैं। भारत विश्व का छठवां देश है, जिसके पास इस तरह की ताकत है।
3- आईएनएस सिंधुघोष
इंडियन नेवी के पास डीज़ल-बिजली चालित सिंधुघोष श्रेणी की कई सबमरीन हैं। इन पनडुब्बियों का नाम सिंधुघोष, सिंधुध्वज, सिंधुराज, सिंधुवीर आदि है। आईएनएस सिंधुघोष को रूस और भारत के बीच हुए समझौते के तहत तैयार किया गया था। आईएनएस सिंधुघोष की विस्थापन क्षमता 3,000 टन है। यह ताकतवर पनडुब्बी 53 नाविकों के साथ 45 दिन तक समुद्र के अंदर रह सकती है।
4- आईएनएस खांदेरी
आईएनएस खांदेरी किसी भी मौसम में अपने लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम है। इस सबमरीन को भारतीय नौसेना में पिछले वर्ष जनवरी के महीने में शामिल किया गया था। आईएनएस खांदेरी एंटी सरफेस और एंटी सबमरीन, खुफिया सूचनाएं जुटाने, माइन बिछाने, इलाके की निगरानी करने में सक्षम है।
5- आईएनएस चक्र-2
भारतीय नौसेना की ताकतवर सबमरीन में से एक है आईएनएस चक्र-2। यह पनडुब्बी हिन्द महासागर और अरब सागर की रखवाली करती है। रूस निर्मित इस पनडुब्बी को 4 अप्रैल 2014 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।