इस स्टोरी में हम आपको वानर राज केसरी और अंजनी के पुत्र हनुमान जी से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं। हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार अंजना नाम की एक अप्सरा को एक ऋषि ने श्राप दिया था कि जब भी वह प्रेम बंधन में पड़ेगी, उसका चेहरा एक वानर की भांति हो जाएगा। इस श्राप से मुक्त होने में भगवान ब्रह्मा ने अंजना की मदद की। भगवान ब्रह्मा की कृपा से अंजना ने धरती पर जन्म लिया। अंजना को वानरों के राजा केसरी से प्रेम हुआ। विवाह के पश्चात श्राप से मुक्ति के लिए अंजना ने भगवान शिव की तपस्या शुरू कर दी।

अंजना की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव से उन्हें वरदान मांगने को कहा। इसके बाद देवी अंजना ने महादेव से कहा कि यदि मुझे श्राप से मुक्त करना चाहते हैं तो आप पुत्र रूप में मेरी कोख से जन्म लें। भगवान शिव ने अंजना की प्रार्थना स्वीकार कर ली।

इसके बाद अंजना गर्भवती हुईं और उनकी कोख से वानर मुख वाले एक बालक का जन्म हुआ। इस बालक का नाम मारूति था, जो बाद में हनुमान जी के नाम से विख्यात हुए।

ब्रह्मांडपुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि वानर राज केसरी के 6 पुत्र थे। केसरी के सबसे बड़े पुत्र का नाम हनुमान है। हनुमान जी के अन्य पांच भाईयों के नाम क्रमश: इस प्रकार हैं- मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान, धृतिमान। हनुमान जी के सभी भाई विवाहित थे तथा इन सभी के संतान भी थीं, जिससे इनका वंश वर्षों तक चला। ब्रह्मांडपुराण में भी यह उल्लेख मिलता है कि बजरंगबली के पिता केसरी ने अंजना से विवाह किया था।

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