हिंदू धर्म के दो प्रसिद्ध तीर्थ स्थल केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर का खजाना पूरी तरह से लबालब है। बता दें कि केदारनाथ धाम में 18 वर्षों में करीब साढ़े 6 किलो सोना भक्तों ने दान दिया है। वहीं बद्रीनाथ में दान स्वरूप मिला सोना 6 करीब 39 किलो है। 18 वर्षों में दोनों मंदिरों में करीब 12 करोड़ रुपए का चढ़ावा भक्तों ने चढ़ाया। जहां बद्रीनाथ को दान स्वरूप करीब 30 कुंतल चांदी प्राप्त हुई, वहीे केदारनाथ को 8 कुंतल चांदी दान में भक्तों से मिली है।

हल्द्वानी निवासी हेमंत गौनिया ने 25 फरवरी 2019 के आरटीआई के जरिए यह जानकारी मांगी थी कि बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर में अब तक तीर्थयात्री और भक्तों द्वारा कितना दान प्राप्त हुआ है। हेमंत गौनिया ने सोने, चांदी, जवाहरात और फॉरेन करेंसी की भी जानकारी मांगी थी। यह जानकारी बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर समिति के जोशीमठ कार्यालय द्वारा मुहैया कराई गई। आइए जानते हैं बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा धन कहां-कहां खर्च किए जाते हैं।

1- समिति द्वारा संचालित 45 अधीनस्थ मंदिरों का सौंदर्यीकरण 2- पांच संस्कृत महाविद्यालय 3- आयुर्वेद फार्मेसी के स्टूडेंट्स की स्कॉलरशिप 4- टीचर्स की सैलरी 5- टेंपल कमेटी स्टाफ की सैलरी 6- लाइट, व्हीकल, ड्रिंकिंग वाटर 7- भगवान का भोग और पूजा सामग्री 8- डबल लॉक में सोना-चांदी।

गौरतलब है कि मंदिर समिति द्वारा संचालित संस्कृत महाविद्यालय, स्टाफ की सैलरी तथा मंदिरों पर खर्च करने के बाद बैलेंस रकम पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक की जोशीमठ ब्रांचेज में सुरक्षित रखी गई है। जबकि सोना, चांदी, जवाहरात रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की कानपुर ब्रांच में डबल लॉक में रखा गया है।

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