महाभारत महाकाव्य के मुताबिक इस महायुद्ध में पूरा कौरव वंश समाप्त हो गया था। महाभारत से जुड़ी एक प्रचलित कथा के अनुसार युद्ध के अंत में जब भीम ने दुर्योधन को पराजित कर दिया तो वह जमीन पर पड़े-पड़े तीन उंगलियां दिखाकर कुछ बोलने की कोशिश कर रहा था।

चूंकि भीम के साथ हुए युद्ध में दुर्योधन बहुत ज्यादा घायल हो गया था, इसलिए वह कुछ बोल नहीं पा रहा था। ऐसा देख भगवान श्रीकृष्ण उसके पास गए और दुर्योधन से बात की। तब भगवान श्रीकृष्ण से दुर्योधन ने कहा कि वो अपनी तीन गलतियों की वजह से युद्ध हार गया।

पहला गलती

दुर्योधन ने भगवान श्रीकृष्ण से कहा कि मेरी पहली गलती ये की थी कि मैंने स्वयं नारायण यानी आपको नहीं, बल्कि आपकी नारायणी सेना को चुना।

दूसरी गलती

दुर्योधन ने दूसरी गलती बताई कि जब उसे माता गांधारी ने नग्न अवस्था में बुलाया था तो वह कमर के नीचे पत्ते लपेटकर चला गया। यदि ऐसा नहीं करता तो मेरा पूरा शरीर वज्र के समान हो जाता और मुझे कोई भी पराजित नहीं कर पाता।

तीसरी गलती

दुर्योधन ने कहा कि मैंने तीसरी गलती ये की थी मैं इस युद्ध में सबसे अंत में आगे आया। यदि मैं युद्ध की शुरुआत में ही सबसे आगे आ जाता तो कौरव वंश संपूर्ण विनाश से बच सकता था।

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