शिर्डी और साईं बाबा से जुड़े इन रोचक तथ्यों के बारे में नहीं जानते होंगे आप !
साईं बाबा ऐसे संत रहे हैं, जिन्हें लगभग हर धर्म के लोग मानते हैं। ऐसे में शिर्डी धाम हमारे देश के एक प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। शिर्डी धाम में धर्म और जात-पात का कोई बंधन नहीं। दोस्तों, आपने शिर्डी और साईं बाबा के बारे में बहुत सी बातें सुनी होंगी, लेकिन आज हम आपको शिर्डी से जुड़े कुछ ऐसे तथ्यों से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जिनके बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे।
प्रतिदिन करीब 60,000 लोग हर रोज आते हैं शिर्डी
वेबसाइट इंडिया डॉट कॉम के मुताबिक, वीकेंड्स पर तो यह आंकड़ा 1,00,000 को भी छू जाता है। विशेषकर गुरु पूर्णिमा, दशहरा और रामनवमी के अवसर पर यह आंकड़ा 5,00,000 के करीब होता है।
साईं बाबा की मृत्यु के 4 साल बाद बना था मंदिर
नागपुर के श्रीमंत श्री गोपालराव मुकुंद सपरिवार साईं बाबा की सेवा करने शिर्डी आए और यहीं रूक गए। कहा जाता है कि साईं बाबा की मृत्यु के बाद श्री गोपालराव मुकुंद के सपनें में साईं बाबा आए और उन्होंने मंदिर बनाने को कहा। इसके बाद उन्होंने शिर्डी में इस मंदिर की स्थापना की।
शिर्डी को मिला 110 करोड़ रुपए का दान
श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट द्वारा शिर्डी के साईं बाबा मंदिर की देख-रेख की जाती है। नैसकॉम के को-फाउंडर के.वी.रमानी ने ट्रस्ट को भक्तों के लिए आश्रम बनाने के उद्देश्य से 110 करोड़ रुपए दान में दिए थे।
एयरपोर्ट भी है शिर्डी में
शिर्डी कस्बे से 16 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी द्वारा काकड़ी गांव में शिर्डी एयरपोर्ट बनवाया गया है। अप्रैल 2017 में इसे कमर्शियल फ्लाइट्स के लिए शुरू किया जाना है।
देश की औसत साक्षरता दर से अधिक है शिर्डी की साक्षरता दर
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक शिर्डी में औसत साक्षरता दर 70 फीसदी है। जबकि देश की औसत साक्षरता दर 59.5 फीसदी है।
गौरतलब है कि साईं बाबा मंदिर से 5 किलोमीटर की दूरी पर साईं नगर रेलवे स्टेशन मौजूद है। मंदिर का ध्यान रखने वाला श्री साईं बाबा संस्थान मंदिर से साईं नगर स्टेशन तक बस चलाता है।