लालू यादव की पार्टी पहली बार लोकसभा चुनाव में नहीं खोल पाई खाता, नहीं मिली एक भी सीट
बिहार में मोदी के खिलाफ 6 पार्टियों ने गठबंधन किया था लेकिन फिर भी कोई नरेंद्र मोदी का कुछ नहीं बिगाड़ पाया। मोदी सुनामी बिहार में ऐसी चली की 6 पार्टियों का गठबंधन भी धरा का धरा रह गया। एनडीए ने 40 में 39 सीटें हासिल की और जीत का इतिहास रच दिया। जबकि कांग्रेस, आरजेडी, रालोसपा, हम, वीआईपी और सीपीएम के गठबंधन होने के बावजूद उन्हें केवल 1 सीट से ही संतोष करना पड़ा। बात करें आरजेडी की तो उसकी स्थापना के बाद से पहली बार ऐसा हुआ है कि लालू प्रसाद की यादव को एक भी वोट नहीं मिला है।
किशनगंज कांग्रेस ने जीती। ऐसे रिजल्ट इतिहास में कम ही देखने को मिलते हैं। बीजेपी को इस बार 2014 से भी अधिक वोट मिले हैं। एनडीए के घटक दलों में जबरदस्त तालमेल देखने को मिला। बात करें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तो उन्होंने कुल मिला कर 171 जनसभाएं कीं, जिनमें प्रधानमंत्री मोदी के साथ 8, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के साथ 23 और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के साथ 22 सभाएं भी शामिल है।
एनडीए और बीजेपी ने मिल कर वाकई में अपना जादू दिखा दिया है और सभी पार्टियां ये देख कर हैरान है कि कोई भला इस तरह कैसे जीत सकता है। तो इस बात में कोई दोराहे नहीं हैं कि देश की जनता ने मोदी लहर को ध्यान में रखते हुए वोट्स दिए हैं।