आपको जानकारी के लिए बता दें कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को आज संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल आतंकी घोषित कर सकता है। बता दें कि चीन भी इस मुद्दे पर राजी हो गया है और अपना वीटो हटाने को तैयार है। मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के लिए भारत पिछले एक दशक से प्रयासरत था।

14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने की कोशिशें और तेज कर दी। इस मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में अमेरिका, फ्रांस और यूके ने भारत के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया। इस प्रस्ताव पर चीन ने भी अपनी सहमति दे दी है।

ऐसा पहली बार होगा जब जम्मू-कश्मीर में किसी आतंकी हमले की वजह से एक खूंखार आतंकी को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जाएगा। इससे पहले मुंबई हमले के बाद हाफिज सईद को ग्लोबल आतंकी घोषित किया गया था।

मंगलवार को चीन की तरफ से बयान आया था कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित कराने के जटिल मुद्दे का उचित समाधान निकाला जाएगा। चीन के इस बयान के बाद से ही यह संकेत मिलने लगे थे कि अब संयुक्त राष्ट्र मसूद अजहर पर बड़ा फैसला ले सकता है।

जानकारी के लिए बता दें कि यदि यूएन मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करता है, तो उसे कई बड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

- दुनियाभर के देशों में मसूद अजहर की एंट्री पर बैन।

- संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को मसूद के बैंक अकाउंट्स और प्रॉपर्टी को फ्रीज करना पड़ेगा।

- मसूद अजहर किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियां नहीं कर सकेगा।

- मसूद अजहर से संबंधित व्यक्तियों या उसकी संस्थाओं को कोई मदद नहीं मिलेगी।

- पाकिस्तान को मसूद अजहर के आतंकी कैंप और उसके मदरसों को भी बंद करना पड़ेगा।

- पाकिस्तान को मसूद अजहर के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने पड़ेंगे।

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