आपको जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को मेरठ पहुंचकर अस्पताल में भर्ती भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर से मुलाकात की। इसके बाद से यूपी का सियासी पारा चढ़ा हुआ है।

यूपी के सियासी गलियारे में यह चर्चा शुरू हो चुकी है कि कांग्रेस अब भीम आर्मी और चंद्रशेखर के जरिए यूपी में दलित वोटों को साधने की कोशिश में है। प्रियंका गांधी ने चंद्रशेखर से जैसे ही मुलाकात की उसके तुरंत बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती से लखनऊ स्थित उनके आवास पर मुलाकात की।

बताया जा रहा है कि चंद्रशेखर और प्रियंका गांधी की मुलाकात से मायावती नाराज हैं, और वह जल्द ही एक बड़ा फैसला ले सकती हैं। मीडिया खबरों के अनुसार, मायावती अमेठी और रायबरेली में महागठबंधन के प्रत्याशी उतारने को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं।

बता दें कि लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अखिलेश यादव और मायावती की यह पहली मुलाकात थी। इस मुलाकात के बारे में सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव में प्रचार की रणनीति, संयुक्त रैलियों और सभाओं को लेकर चर्चा हुई। राजेंद्र चौधरी ने कहा कि महागठबंधन के तहत अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी गई हैं और हम लोग पूरी ईमानदारी से इन दोनों सीटों पर कांग्रेस का समर्थन करेंगे।

समाजवादी पार्टी के एक नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि बसपा अध्यक्ष को जवाब देने के तौर पर प्रियंका गांधी ने चंद्रशेखर से मुलाकात की है, संभव है कांग्रेस के साथ किसी भी राज्य में कोई गठबंधन नहीं होगा।

गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार शाम मेरठ के एक निजी अस्पताल में भर्ती भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर से मुलकात की। प्रियंका गांधी के साथ पश्चिम यूपी के कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा राज बब्बर भी थे।

इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि मौजूदा सरकार इतनी अहंकारी है कि युवाओं का दर्द सुनने को तैयार नहीं है। मुझे चंद्रशेखर का संघर्ष और जोश पसंद आया, इसलिए मैं उनसे मिलने आई हूं। इस मुलाकात के बाद चंद्रशेखर ने कहा कि प्रियंका गांधी उनका हाल-चाल जानने आईं थीं। चंद्रशेखर ने कहा कि महागठबंधन की तरफ से कोई मजबूत चेहरा नहीं उतारा गया तो वाराणसी सीट से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहता हूं।

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