महाभारत लिखने से पहले श्रीगणेश जी ने महर्षि वेदव्यास के सामने रखी थी यह शर्त !
हिंदू धर्म में भगवान श्रीगणेश को विघ्नहर्ता, मंगलमूर्ति, लंबोदर, व्रकतुंड आदि कई नामों से पुकारा जाता है। शिव पुराण के अनुसार श्रीगणेश के शरीर का रंग लाल और हरा है और श्रीगणेश का विवाह प्रजापति विश्वरूप की पुत्रियों सिद्धि और बुद्धि से हुआ है।
शिव पुराण में यह वर्णन भी मिलता है कि जब भगवान शिव त्रिपुरासुर का नाश करने जा रहे थे, तब आकाशवाणी हुई कि जब तक आप श्रीगणेश का पूजन नहीं करेंगे तब तक आप त्रिपुरासुर का नाश नहीं कर सकेंगे। इसके बाद भगवान शिव ने गजानन का पूजन किया और युद्ध में विजय प्राप्त की।
हिंदू धर्मग्रंथों के मुताबिक महाभारत महाकाव्य का लेखन श्रीगणेश ने किया है। प्रचलित कथा के मुताबिक महाभारत लिखने से पहले उन्होंने महर्षि वेदव्यास के सामने एक शर्त रखी थी, इसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। श्रीगणेश जी ने महर्षि वेदव्यास से कहा था कि यदि लिखते समय मेरी लेखनी क्षणभर के लिए भी न रूके तो मैं इस ग्रंथ का लेखक बन सकता हूं।
तब महर्षि वेदव्यास जी ये शर्त मान ली और श्रीगणेश से कहा कि मैं जो भी बोलूं आप उसे बिना समझे मत लिखना। तब वेदव्यास जी बीच-बीच में कुछ ऐसे श्लोक बोलते कि उन्हें समझने में श्रीगणेश को थोड़ा समय लगता। इस बीच महर्षि वेदव्यास अन्य काम कर लेते थे।