अर्जन सिंह ने 1965 की जंग में मांगा था 1 घंटे वक्त, फिर तय कर दी पाकिस्तान की हार
पाकिस्तान में घुसकर पहाड़ियों से घिरे हुए मानशेरा जिले के बालाकोट खैबर पख्तून इलाके में 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने आतंकी ठिकानों को जिस तरह से ध्वस्त किया, इससे साबित होता है कि इंडियन एयरफोर्स कितनी ताकतवर है। ऐसा पहली बार नहीं है जब इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान को धूल चटाई है। इससे पहले 1965 और 1971 की जंग में भी पाकिस्तान को हार का मुंह देखना पड़ा था।
आपको बता दें कि 1965 की जंग में एयर मार्शल अर्जन सिंह ने इंडियन एयरफोर्स की अगुवाई खुद की। युद्ध के बाद अर्जन सिंह को एयर मार्शल का दुर्लभ सम्मान मिला। आज तक भारत में केवल तीन लोगों का यह सम्मान मिला है। अर्जन सिंह के अलावा सैम मानेक शा और केएम करियप्पा ऐसे दो नाम हैं, जिन्हें यह सम्मान मिला।
बता दें कि 1 अगस्त 1964 को अर्जन सिंह चीफ ऑफ एयर स्टाफ बनाए गए थे। इसके बाद 1965 में पाकिस्तानी टैंकों ने अखनूर शहर पर आक्रमण कर दिया। पाकिस्तान के आक्रमण की सूचना मिलते ही रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेना प्रमुखों को तलब किया।
इस मुलाकात में अर्जन सिंह से पूछा गया कि आप कितनी जल्दी पाकिस्तान के बढ़ते टैंकों को रोकने के लिए हमला कर सकते हैं। इसके लिए अर्जन सिंह ने महज एक घंटे का समय मांगा था। इसके बाद एक घंटे से कम समय में ही भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी टैंकों को तबाह कर दिया। 1965 की जंग में इंडियन एयरफोर्स का नेतृत्व अर्जन सिंह ने किया और पाकिस्तान को हार का मुंह देखना पड़ा।
जानकारी के लिए बता दें कि एयर मार्शल का रैंक हासिल करने के बाद भी अर्जन सिंह विमान उड़ाते रहे। अर्जन सिंह ने अपने सैन्य जीवन में 60 तरह के विमान उड़ाए। अर्जन सिंह को एयर फोर्स की गहरी जानकारी थी।
पाकिस्तान के जनरल अयूब खान ने कश्मीर पर कब्जा करने की योजना बनाई। पाकिस्तान का यह तीव्र हमला कश्मीर पर कब्जा करने में सक्षम था। लेकिन अयूब खान को इंडियन आर्मी और इंडियन एयरफोर्स की ताकत का अंदाजा नहीं था। अर्जन सिंह ने एक घंटे के भीतर पाकिस्तान का पूरा प्लान फेल कर दिया और पाकिस्तान के हाथ कुछ भी नहीं लगा। भारतीय वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर उसके कई एयरफील्ड्स तबाह कर डाले थे।
गौरतलब है कि वायुसेना के इतिहास में एयर वाइस मार्शल के पद पर सबसे लंबे समय तक सेवा देने का रिकॉर्ड अर्जन सिंह के पास है। दिल्ली के आर्मी अस्पताल में 16 सितंबर 2017 को अर्जन सिंह का निधन हुआ था।