कांग्रेस ने जारी की प्रत्याशियों की पहली सूची, क्या अब भी संभव है सपा-बसपा से गठबंधन?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस ने रायबरेली व अमेठी समेत कुल 11 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। बता दें कि इनमें 8 सीटें कांग्रेस ने साल 2009 में जीती थीं। रायबरेली से सोनिया गांधी और अमेठी से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले यह चर्चा जोरों पर थी कि सोनिया गांधी अपने स्थान पर रायबरेली से प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनाव लड़ा सकती हैं। बता दें कि उन्नाव से अन्नू टंडन, फर्रुखाबाद से सलमान खुर्शीद, धौरेहरा से जितिन प्रसाद, फैजाबाद से निर्मल खत्री, अकबरपुर से राजाराम पाल और कुशीनगर से आरपीएन सिंह साल 2009 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गए थे।
हांलाकि ये सभी नेता लोकसभा चुनाव 2014 में पराजित हो गए थे। कांग्रेस पार्टी ने बदायूं से पूर्व सांसद सलीम इकबाल शेरवानी को अपना प्रत्याशी बनाया है। सलीम इकबाल शेरवानी बदायूं लोकसभा क्षेत्र से पांच बार सांसद रहे हैं। सहारनपुर से इमरान मसूद को टिकट मिला है। साल 2014 में भी बतौर कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद चुनाव लड़े थे, लेकिन मोदी लहर के चलते चुनाव हार गए।
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने जिन 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, उनमें से 4 सीटों पर सपा और 5 सीटों पर बसपा ने गठबंधन के तहत प्रत्याशी उतारने की घोषणा पहले ही कर चुकी है। बदायूं सीट से वर्तमान में सपा के सांसद धर्मेंद्र यादव हैं, जो लोकसभा चुनाव 2014 में भी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे। यह सीट समाजवादी पार्टी के लिए काफी अहम मानी जाती है।
अब सवाल यह उठता है कि कांग्रेस की तरफ से 11 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने के बावजूद भी सपा-बसपा-रालोद गठबंधन में शामिल होने की कोई संभावना बची है अथवा नहीं।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन के बीच 15 सीटों को लेकर बातचीत जारी है। ऐसे यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस ने 11 सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी कर सपा-बसपा गठबंधन पर दबाव बनाया है? इसी तरह के कई सवाल राजनीतिक फिजा में तैर रहे हैं। फिलहाल यह स्पष्ट होता दिख रहा है कि कांग्रेस यूपी में तीसरी शक्ति के रूप में चुनाव लड़ेगी।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि साल 2009 में कांग्रेस ने यूपी में 21 सीटें जीती थीं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, वर्ष 2009 में जीते प्रत्याशियों को ही दोबारा मौका दिया जाएगा।
गौरतलब है कि यूपी में भाजपा को मात देने के लिए सपा-बसपा ने गठबंधन का ऐलान किया है। राज्य की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 38 पर बसपा और 37 सीटों पर सपा ने चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, बाकी तीन सीटों पर आरएलडी चुनाव लड़ेगी।