आपने कई फिल्मों में जल्लाद को कैदियों को फांसी देते हुए देखा होगा और ये भी देखा होगा कि फांसी देने से पहले कैदी के मुँह को एक काले रंग के कपड़े से ढक दिया जाता है और जल्लाद कैदी के कान में कुछ बोलता है। लेकिन क्या आपको पता है कि जल्लाद कैदी के कान में आखिर क्या बोलता है? आज हम आपको इस पोस्ट में यही बताने जा रहे हैं।

किसी अपराध के तौर पर जब इंसान को फांसी की सजा दी जाती है तो इसके लिए एक लंबी प्रक्रिया होती है। कैदी को फांसी सुबह चार बजे दी जाती है और उस से पहले जल्दी कैदी को नहलाया जाता है और गीता या कुरान के पाठ सुनाए जाते हैं। जब वह व्यक्ति फांसी के तख्ते की और चढ़ता है तो उसके मुंह पर काला कपड़ा बांधकर फांसी का फंदा उसके गले में डाल दिया जाता है।

उसके बाद वहां पर मौजूद जल्लाद अपराधी के कान में बोलता है मुसलमान को मेरा सलाम और हिंदू को मेरी राम राम, मैं अपने फर्ज के आगे मजबूर हूं और मैं आपके सच्चाई की राह पर चलने की कामना करता हूं। इसके बाद वह लीवर को खींच देता है और कैदी फांसी के फंदे पर लटक जाता है।

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