इस्लामिक कैलेंडर (हिजरी) के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन दुनिया भर में ईद का त्योहार मनाया जाता है। ये रमजान के अंत का भी प्रतीक होता है। ये महीना इस्लाम में आधे चाँद के दर्शन के साथ शुरू होता है। यदि रमजान के आखिरी दिन चांद दिखाई देता है तो ही उसके अगले दिन ईद मनाई जाती है। इस साल ये त्योहार 5 या 6 जून को मनाया जाएगा। इस पाक पर्व पर हम आपको एक ऐसी मस्जिद के बारे में बताने जा रहे हैं जो झील पर बनी है और एशिया की सबसे खूबसूरत मस्जिद है। तो आइए जानते हैं इसके बारे में।

ब्रुनेई के सुल्तान ने बनवाई थी ये शाही मस्जिद

ब्रुनेई में स्थित सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद एक शाही मस्जिद है, इसे यहाँ के सुल्तान ने बनवाया था और इसकी गिनती दुनिया की सबसे खूबसूरत मस्जिदों में होती है। पूरे विश्व से श्रद्धालु इसे देखने ब्रुनेई आते हैं। सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद, बंदर सेरी बेगावान, ब्रुनेई के सुल्तान की राजधानी में स्थित एक शाही मस्जिद है। यहाँ आपको वास्तुकला के भी नमूने देखने को मिलेंगे। यह मस्जिद मुगल वास्तुकला और इतालवी शैली को एकजुट करती है। इसके चारों ओर कई पेड़ और उद्यान है।

सोने का गुंबद

मस्जिद का निर्माण 1958 में पूरा हुआ था। इसे बनाने में 60 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इसे इतावली वास्तुकार कैवेलियर रुडोल्फो नोली द्वाने डिजाइन किया था। मस्जिद के बाद एक मीनार भी है जो संगमरमर से बनी है ये सबसे ऊँची मीनार है और इसकी ऊंचाई करीब 52 मीटर है। इसका गुंबद सोने से बना है /इसकी ऊंचाई 171 फीट है, इसलिए मस्जिद से पूरा शहर दिखाई देता है। इस मस्जिद को बनाने के लिए जिस संगमरमर का इस्तेमाल किया गया था उसे इटली से मंगवाया गया था। इसके अलावा शंघाई से ग्रेनाइट और इंग्लैंड से क्रिस्टल झाड़ लाए गए थे।

रमजान में होती है सिर्फ इबादत

ईद के मौके पर इस खूबसूरत मस्जिद को जगमगाती रौशनी से सजाया जाता है। ईद से पहले रमजान के पूरे महीने मस्जिद को पर्यटकों के लिए बंद रखा जाता है। मस्जिद को केवल इबादत के लिए ही बनाया गया है। मस्जिद के बाहरी हिस्से में 16वीं शताब्दी में इस्तेमाल होने वाली राजकीय नाव की प्रति कृति लगाई गई है, जिसका प्रयोग उस समय धार्मिक समारोह में हुआ करता था।

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