भारतीय युद्धपोतों पर तैनात की जाएंगी ब्रह्मोस मिसाइलें, रक्षा मंत्रालय से मिली मंजूरी
दोस्तों, आपको बता दें कि इंडियन नेवी दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर नौसेना है। भारतीय नौसना के पास 14 युद्धपोत तथा 295 जहाज हैं। एक डिस्ट्रॉयर्स, एक विमान वाहक पोत, 139 निगरानी जहाज, 23 लड़ाकू जलपोत, 15 पनडुब्बियां तथा 6 युद्धक जहाज हैं।
बता दें कि भारतीय नौसेना को और ज्यादा ताकतवर बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय की खरीद परिषद ने दो युद्धपोतों के लिए ब्रह्मोस मिसाइल को खरीद की मंजूरी दी है। इतना ही नहीं इंडियन आर्मी के मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन के लिए बख्तरबंद वाहन खरीदे जाएंगे। केंद्रीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में डीएसी की यह बैठक एक दिसंबर को हुई। जानकारी के लिए बता दें कि इन सैन्य हथियारों की खरीद में तीन हज़ार करोड़ रुपए की लागत आएगी, जिसके लिए रक्षा मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है।
ब्रह्मोस मिसाइलों की तैनाती रूस से खरीदे जाने वाले दो स्टील्थ युद्धपोतों पर की जाएगी। वहीं बख्तरबंद वाहनों का निर्माण भारतीय कंपनी बीईएमएल करेगी। शुरू में कुछ ब्रह्मोस मिसाइलें रूस से खरीदी जाएंगी, बाद में इनका निर्माण भारत में ही होगा। भारत और रूस के संयुक्त सहयोग से ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण हुआ है।
- ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता पहले 290 किलोमीटर थी। भारत ने मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) से जुड़ने के बाद इस मिसाइल की मारक क्षमता में इजाफा कर 450 किलोमीटर किया गया।
- ब्रह्मोस मिसाइल आवाज की गति से 2.8 गुना अधिक गति से दुश्मन के पोतों पर हमला कर सकती हैं।