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आपको जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में टिकट नहीं मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता उदित राज ने गुरुवार को कांग्रेस का हाथ थाम ​लिया। इतना ही नहीं कांग्रेस में शामिल होते ही उदित राज ने बीजेपी पर सियासी प्रहार करने से शुरू कर दिए हैं। उदित राज ने दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से जुड़ा एक पुराना किस्सा भी साझा किया।

उदित राज ने कहा कि भाजपा केवल चुप रहने वाले दलित नेताओं को पसंद करती है। रामनाथ कोविंद को इसी का इनाम मिला है। इस नेता ने कहा कि भाजपा दलित विरोधी पार्टी है। कांग्रेस में शामिल हुए दलित नेता उदित राज ने दावा किया कि भाजपा और आरएसएस में केवल खामोश रहने पर ही इनाम मिलता है। इसके लिए उन्होंने रामनाथ कोविंद का उदाहरण पेश किया। उदित राज ने कहा कि 20 मई 2014 को रामनाथ कोविंद अपना बायोडाटा लेकर मेरे पास आए। विवेक सोनकर इसके चश्मदीद हैं।

कोविंद जी ने मुझसे कहा कि भाई साहब मेरा भी कुछ कराइए। क्योंकि भाजपा ने रामनाथ कोविंद को साल 2014 में टिकट देने के लायक भी नहीं समझा था, जबकि वो टिकट चाह रहे थे। हांलाकि वो चुप रहे और उसका इनाम आपने देख लिया।

उदित राज ने कहा कि यदि मैं भी चुप रहता तो भाजपा रामनाथ कोविंद की तरह मुझे भी कोई इनाम दे देती। उन्होंने यहां तक कि यदि मैं शांति से रहता तो शायद मुझे कभी पीएम भी बना देते लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। मैं हमेशा दलितों के मुद्दे पर आवाज उठाता रहा, इसी वजह से भाजपा ने मेरा टिकट काट दिया।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2014 में उदित राज दिल्ली की उत्तर पश्चिम सीट से चुनाव जीते थे। इसलिए एक बार फिर से इसी सीट से टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने उनका टिकट काटकर मशहूर गायक हंसराज हंस को मौका दिया है।

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