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आपको जानकारी के लिए बता दें कि मंगलवार को इंडियन एयरफोर्स की तरफ से की गई एयर स्ट्राइक के बाद करीब 300 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। इस हवाई हमले में जिस बम का इस्तेमाल किया गया, वो अमेरिका में बना था। यह बम सटीक टारगेट को हिट करने के लिए जाना जाता है। इसी बम का इस्तेमाल ​कारगिल युद्ध में होना था, लेकिन परमाणु परीक्षण के कारण लगे प्रतिबंध की वजह से अमेरिका और ब्रिटेन से इस बम के पार्ट्स नहीं आ पाए थे।

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इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान और पीओके में जैश-ए-मोहम्मद के तीन ठ‍िकानों बालाकोट, चकोटी और मुजफ्फराबाद पर चार बम ग‍िराए गए जिनका कुल वजन 1000 किलो ग्राम था।

इन आतंकी ठिकानों पर इंडियन एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों ने गाइडेड बम यून‍िट GBU 12 Paveway II का इस्तेमाल किया था। एक यूनिट में 4 या 5 बम होते है। इसमें प्रत्येक बम करीब 225 किलो का था। एक बम की कीमत करीब 14 लाख रुपए होती है। ये बम अपने टारेगट को 88 फीसदी तक हिट करता है। इस बम को सबसे पहले अम‍ेर‍िका ने 1976 में इंट्रोड्यूस क‍िया था।

आपको बता दें कि गाइडेड बम यून‍िट GBU 12 Paveway II ज्यादा ड‍िटेक्टर सेंसिट‍िव है, वजन और कीमत भी कम है। इस बम में Tritonal, PBXN-109 व‍िस्फोटक का इस्तेमाल किया जाता है। DEMO PIC.

1999 में हुए कारगिल युद्ध के दौरान इंडियन एयरफोर्स इजरायल के पॉड्स के साथ Paveway-II LGB बम इस्तेमाल करना चा​हती थी। 1998 में भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था, इस वजह से उस पर हथियारों के इंपोर्ट पर बैन लगा हुआ था।

गौरतलब है कि इंडियन एयरफोर्स के 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने मंगलवार को पाकिस्तान में घुसकर लेजर गाइडेड बमों से आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। इन लड़ाकू विमानों ने आगरा और बरेली एयरबेस से उड़ान भरे थे और पीओके के आतंकी कैंपों पर 21 मिनट तक जमकर बमबारी की।

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