भगवान जगन्नाथ का मंदिर पूरी दुनिया में विख्यात है। देश के चार धामों में से एक जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी अनेकों बातें लोगों को काफी हैरान करती हैं। इसी क्रम में इस मंदिर के ऊपर लहराते ध्वज को हर शाम बदला जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यों किया जाता है।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि समुद्री तटों पर हवा समुद्र से जमीन की ओर बहती है लेकिन पुरी में हवा जमीन से समुद्र की ओर गति करती है और इसी कारण इस मंदिर के गुंबद पर ध्वज उल्टा फहरता है, जो कि अपने आप में एक हैरान कर देने वाली बात है।

आप इस बात को भी जानकर हैरान रह जाएंगे कि जगन्नाथ मंदिर का 20 मीटर लंबा ध्वज हर शाम को बदला जाता है। चोल परिवार पिछले 800 सालों से यह काम करता आ रहा है। मान्यता है कि अगर ध्वज को रोज नहीं बदला गया तो यह मंदिर अचानक खुद ही 18 सालों के लिए बंद हो जाएगा।

मंदिर के शिखर पर मौजूद सुदर्शन चक्र की भी एक अनोखी खासियत है। दरअसल यह सुदर्शन चक्र किसी भी ओर से देखने पर मालूम पड़ता है कि उसका मुंह आपकी ओर है।

गौरतलब है कि भगवान श्री जगन्नाथजी की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी में आरंभ होती है। यह रथयात्रा पुरी का प्रधान पर्व है। भगवान श्री जगन्नाथजी की रथयात्रा मुख्य मंदिर से शुरू होकर 2 किलोमीटर दूर स्थित गुंडिचा मंदिर पर समाप्त होती है।

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