भविष्य पुराण के मुताबिक, रविवार का दिन सूर्य देव की उपासना का विशेष दिन है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना गया है, इसकी शुभ स्थिति समाज में मान-सम्मान भी दिलवाती है। जन्म कुंडली में सूर्य की शुभ-अशुभ स्थिति का अच्छा या बुरा असर हमारी बुद्धि पर भी होता है। ऐसे में यदि आप सूर्य से शुभ फल पाना चाहते हैं तो रविवार के दिन सूर्य पूजा आपको शुभ फल दिला सकती है।

सूर्य देव की पूजा विधि

- रविवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। ध्यान रहे, तांबे के लोटे में जल भरें, इसमें चावल और फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।

- जल अर्पित करने के बाद सूर्य मंत्र स्तुति का पाठ करें तथा सूर्य देव से शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की कामना करें।

सूर्य मंत्र स्तुति इस प्रकार है

नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्। दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।।

इन्द्रं विष्णुं हरिं हंसमर्कं लोकगुरुं विभुम्। त्रिनेत्रं त्र्यक्षरं त्र्यङ्गं त्रिमूर्तिं त्रिगतिं शुभम्।।

सूर्य की आराधना करने के बाद धूप, दीप से सूर्य देव की पूजा करें। श्रद्धानुसार सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन आदि का दान करें।

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