हवलदार से लेकर जनरल और फील्ड मार्शल तक भारतीय सेना में ये होते हैं पद
भारतीय सेना का नाम दुनिया की टॉप-5 सेनाओं में गिना जाता है। भारतीय सेना को शक्तिशाली उसके जवान और आधुनिक उपकरण बनाते हैं। सेना में पदों का एक क्रम होता है और उसी के आधार पर सभी को अलग अलग पोस्ट मिलती है और बाद में प्रमोशन होता रहता है। आज हम आपको सेना के इन्ही अलग अलग पदों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं इस बारे में।
फील्ड मार्शल- वैसे तो थल सेना में सबसे ऊंची रैंक फील्ड मार्शल की होती है। लेकिन सभी को ये पद नहीं मिलता है बल्कि एक खास सम्मान के तौर पर व्यक्ति को ये पद दिया जाता है। अगर किसी अधिकारी ने युद्ध या किसी ऑपरेशन में सर्वोच्च प्रदर्शन किया हो तो उसे ये पद दिया जाता है। अब तक ये पद केवल 2 लोगों को ही मिला है।
जनरल- इंडियन आर्मी में सबसे हाई रैंक जनरल की होती है इन्हें कमांडर इन चीफ भी कहा जाता है। जनरल रैंक के यूनिफॉर्म के पद पर क्रॉस्ड बैटन और सैबर और एक स्टार के साथ अशोक स्तंभ लगा होता है। इस पद पर कोई अधिकारी केवल 3 साल तक रहता है या फिर उसकी उम्र 62 साल तक होने तक रहता है।
लेफ्टिनेंट जनरल- जनरल के बाद लेफ्टिनेंट जनरल की पोस्ट होती है। लेफ्टिनेंट जनरल की यूनिफॉर्म पर अशोक स्तंभ के साथ बैटन और सैबर क्रॉस में लगी होती है। इस पद पर सर्विस कमीशंड द्वारा कैंडिडेट को नियुक्त किया जाता है और उसकी उम्र 60 साल तक होती है।
मेजर जनरल- लेफ्टिनेंट जनरल के बाद के अधिकारी मेजर जनरल होते हैं। मेजर जनरल पद पर कमीशंड सर्विस के आधार पर नियुक्ति की जाती है।
ब्रिगेडियर- ब्रिगेडियर मेजर जनरल के नीचे की रैंक होती है। बिग्रेड का हेड ब्रिगेडियर ही होता है। बिग्रेडियर को भी कमीशंड सर्विस के आधार पर नियुक्त किया जाता है। ब्रिगेडियर की वर्दी पर तीन स्टार और एक अशोक स्तंभ लगा होता है।
कर्नल- कर्नल पद पर कमीशंड सर्विस के आधार पर नियुक्ति की जाएगी। इसकी यूनिफॉर्म पर दो स्टार और एक अशोक स्तंभ लगा होता है।
लेफ्टिनेंट कर्नल- जब कोई कैंडिडेट सेना में 13 साल बिता लेता है तो उसे ये रैंक मिलती है। इस रैंक के ऑफिसर की यूनिफॉर्म पर अशोक स्तंभ और एक स्टार होता है।
मेजर- मेजर रैंक के अधिकारी की वर्दी एक अशोक स्तंभ लगा होता है. वहीं मेजर पद पर 2 साल की सेवा के बाद प्रमोशन किया जा सकता है।
कैप्टन- मेजर से नीचे का पद कैप्टन का होता है। इस पोस्ट को पाने के लिए उन्हें सेना में 2 साल कमीशन्ड अधिकारी के रूप में काम करना होता है। कैप्टन की वर्दी पर तीन स्टार होते हैं।
लेफ्टिनेंट- यह भारतीय सेना में शुरुआती कमीशन्ड रैंक होती है। आईएमए, ओटीए जैसी अकादमियों में ट्रेनिंग के बाद जो कैंडिडेट्स क्लियर करते हैं उन्हें ही ये पोस्ट मिलती है। लेफ्टिनेंट की वर्दी पर दो स्टार लगे होते हैं।
सूबेदार मेजर- लेफ्टिनेंट से नीचे के पद जॉइंट कमीशंड ऑफिसर में गिने जाते है। बता दें कि जॉइट कमीशंड ऑफिसर्स में सूबेदार मेजर का पद सबसे बड़ा होता है। सूबेदार की यूनिफॉर्म पर अशोक स्तंभ के साथ 2 लाल पट्टी के बीच एक पीली पट्टी होती है।
नायब सूबेदार- नायब सूबेदार का पद सूबेदार के बाद आता है। नायब सूबेदार की वर्दी पर एक स्टार और लाल-पीली रंग की पट्टी होती है।
हवलदार- हवलदार की वर्दी पर कोई स्टार नहीं होता है और उन्हें एक पट्टी मिलती है। इसके साथ नायक लांस, नायक के पद होते हैं।