आपको जानकारी के लिए बता दें कि चाणक्य नीति के पहले ही अध्याय के चौथे श्लोक में कामयाबी हासिल करने का सूत्र बताया गया है। इस चाणक्य नीति में ऐसे तीन तरह के लोगों से दूर रहने को कहा गया है, जो कामयाबी हासिल करने तथा तरक्की में रुकावट बनते हैं। चाणक्य नीति में वर्णित है कि इस तरह के लोग कारोबार और नौकरी के अलावा हर क्षेत्र में मिलते हैं। आचार्य चाणक्य के नीति ग्रंथ में वर्णित बातें आज की तारीख में भी प्रासंगिक हैं।

चाणक्य नीति का श्लोक

मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टस्त्रीभरणेन च। दुःखितैः संप्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति।।

अर्थ- चाणक्य नीति के इस श्लोक से तात्पर्य है कि मूर्ख को कभी उपदेश नहीं देना चाहिए। अर्थात् यदि आपके आसपास कोई मूर्ख हो तो उसे समझाने अथवा कुछ सीखानें में अपना समय नहीं खराब करना चाहिए। इसका असर आपकी सफलता और तरक्की पर पड़ता है।

चाणक्य नीति में यह भी कहा गया है कि ऐसी महिलाओं से हमेशा बचकर रहना चाहिए, जो बुरे स्वभाव की होती हैं। अमर्यादित और बिना सोचे-समझे बोलने और काम करने वाली महिलाओं से बचकर ही रहना चाहिए। ऐसी महिलाएं अन्य पुरुषों से भी ज्यादा खतरनाक होती हैं।

चाणक्य नीति में यह कहा गया है कि जो लोग बिना बात के दुखी रहते हैं, यानि जो हमेशा नकारात्मक सोचते हैं। ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए। नकारात्मक सोच वाले व्यक्ति खुद तो कुछ भी नहीं करते हैं, लेकिन सामने वाले को भी हर काम करने से रोकते हैं। बता दें कि नकारात्मक विचारों से कामयाबी के साथ-साथ तरक्की में भी रुकावटें आती हैं।

Related News